कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, निजता पर नजर रखने वाले प्रस्ताव को वापस ले सरकार

नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के नियमों में प्रस्तावित संशोधन संबंधी खबरों को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘निजता पर नजर रखने वाले’ इस प्रस्तावित कदम को सरकार वापस ले तथा माफी मांगे. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ‘जासूसी’ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2018 5:58 PM

नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के नियमों में प्रस्तावित संशोधन संबंधी खबरों को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘निजता पर नजर रखने वाले’ इस प्रस्तावित कदम को सरकार वापस ले तथा माफी मांगे. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ‘जासूसी’ के जरिये विरोध की हर आवाज को दबाना चाहती है.

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कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि देश को अब समझ आ गया है कि ये जासूसी करते हैं. गैर-संवैधानिक जासूसी कराना इस सरकार का नियमित कार्य हो गया है. उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम से जुड़ा संशोधन लागू हुआ, तो सरकार सबकी निजी जिंदगी पर नजर रखेगी. सरकार इस कदम को वापस ले और माफी मांगे. उन्होंने दावा किया कि यह सरकार ‘इज ऑफ डुइंग बिजनेस’ की बात करती है, लेकिन यह तो ‘इज ऑफ इंटरफेयरिंग इन बिजनेस’ है. यही गुजरात मॉडल है. यही मोदी मॉडल और अमित शाह मॉडल है.

खबरों के मुताबिक, सरकार सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 79 के तहत आने वाले नियमों में प्रस्तावित संशोधन की तैयारी में है. इसके तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए यह अनिवार्य होगा कि वो एक ऐसी प्रौद्योगिकी का उपयोग करें जिसकी मदद से गैर-कानूनी सामग्री को हटाया जा सके.

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