बनकर तैयार है बोगीबील पुल, जानें क्या है खासियत

बोगीबील पुल बनकर तैयार है. यह ब्रह्मपुत्र नदी पर देश का सबसे लंबा सड़क और रेल पुल है. इस पुल ने असम के डिब्रूगढ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ा है. इस ब्रीज के तैयार होने से अब नार्थ ईस्ट के हिस्से में आवाजाही आसान हो जायेगी. ये पुल 4.98 किमी लंबा है. ये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2018 11:56 AM

बोगीबील पुल बनकर तैयार है. यह ब्रह्मपुत्र नदी पर देश का सबसे लंबा सड़क और रेल पुल है. इस पुल ने असम के डिब्रूगढ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ा है. इस ब्रीज के तैयार होने से अब नार्थ ईस्ट के हिस्से में आवाजाही आसान हो जायेगी. ये पुल 4.98 किमी लंबा है. ये करीब 50 लाख लोगों के जीवन को आसान बनाने वाला पुल है. ये ऊपरी असम को अरुणाचल से भी जोड़ता है. इस पुल के बनने से डिब्रूगढ़ और अरुणाचल प्रदेश के बीच रेल की 500 किलोमीटर की दूरी घटकर 400 किलोमीटर रह जाएगी, ईटानगर के लिए रोड की दूरी 150 किमी घटेगी.

कैसे हुई शुरुआत
साल 1985 में असम समझौते के तहत बोगीबील पुल को ब्रह्मपुत्र के ऊपर बनाने का फैसला लिया गया. इसकी मंजूरी मिलने में 11 साल लग गये साल 1996 में इसकी मंजूरी मिली. निर्माण कार्य शुरू होने में पांच सालों का वक्त लगा. 2002 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने निर्माण कार्य शुरू किया था. यूपीए सरकार ने पांच साल बाद इसे 2007 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया. इसका काम काफी धीमा पड़ गया कांग्रेस सरकार ने 2009 में ही इस पुल के उद्धाटन का लक्ष्य रखा था लेकिन तय समय पर इसका काम पूरा नहीं किया जा सका. इतने सालों के लंबे इंतजार के बाद अब पुल बनकर तैयार है.
क्या है खासियत
बोगीबील पुल कई मायनों में खास है. इस पर ट्रेन भी चलेगी और इस पर बने हाईवे पर कार और ट्रक भी. 4.94 किलोमीटर की लंबाई वाले बोगीबील पुल को वेल्डिंग करके बनाया गया है. यह इसलिए भी खास हो जाता है कि इस तरह का और इतना लंबा रेल और रोड पुल भारत में पहला है. रेलवे और रोड पुल के ऊपर 3 लाइन की एक सड़क है और उसके नीचे दोहरी रेल लाइन है. यह पुल ब्रम्हपुत्र के जल स्तर से 32 मीटर की ऊंचाई पर है. इस तकनीक की तुलना अगर दूसरे देशों से करें तो पायेंगे स्वीडन और डेनमार्क को जोड़ने वाले पुल भी इसी तकनीक से बनाया गया है. बोगीबील पुल की तकनीक की श्रेष्ठता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसको बनाने में डेनमार्क से तकनीक ली गई तो वहीं इसकी टेस्टिंग का काम जर्मनी में किया गया है.
सुरक्षा के दृष्टि से इस डी के आकार में बड़े-बड़े खंभे की मदद से बनाया गया है . पुल के लिए विशेष 42 भारी भरकम खंभे बनाए गए हैं. इन खंभों को ब्रह्मपुत्र नदी के ताले में वेल फाउंडेशन बनाकर जमाया गया है. हर एक खंभा ब्रह्मपुत्र नदी के अंदर 65 मीटर की गहराई तक डाला गया है. इसको इतना मजबूत बनाने के पीछे वजह है ब्रह्मपुत्र का यह इलाका भूंकप के लिहाज से खतरनाक है इसलिए इसे 8 से ज्यादा मैग्निट्यूड के भूकंप को सहने के काबिल बनाया गया है.
इस ब्रिज से 1700 टन का वजन गुजारा जा सकता है. युद्ध जैसे हालात में भारी भरकम टैंक भी इससे निकल सकते हैं. डिब्रूगढ़ शहर से 17 किलोमीटर दूरी पर ब्रह्मपुत्र नदी पर बने बोगीबील पुल की लागत तकरीबन 5800 करोड़ रुपये है. पुल के निर्माण में 80 हजार टन स्टील प्लेट्स का इस्तेमाल हुआ है जो इसे और मजबूत बनाता है. इस पुल के खंभे इतने ज्यादा मजबूत बनाए गए हैं, जिससे ब्रह्मपुत्र की बड़ी से बड़ी बाढ़ का इस पर थोड़ा भी असर न पड़े.

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