अरविंद केजरीवाल का ऐलान : जरूरत पड़ी, तो दिल्ली में फिर लागू होगी Odd-Even स्कीम

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी के ‘गंभीर’ वायु प्रदूषण से जूझने के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर शहर में चलने वाले निजी वाहनों का नियमन करने के लिए दिल्ली सरकार सम-विषम (ऑड-ईवन) योजना फिर से लागू करेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2018 7:19 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी के ‘गंभीर’ वायु प्रदूषण से जूझने के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर शहर में चलने वाले निजी वाहनों का नियमन करने के लिए दिल्ली सरकार सम-विषम (ऑड-ईवन) योजना फिर से लागू करेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर घटाने के लिए कई कदम उठा रही है.

इसे भी पढ़ें : Odd-Even Formula दोपहिया वाहनों पर लागू करने के NGT के आदेश पर दिल्‍ली हाईकोर्ट की रोक

शहर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंचने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकार (ईपीसीए) ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के छह औद्योगिक क्षेत्रों में गतिविधियों और निर्माण कार्य पर बुधवार तक रोक लगा दी थी. केजरीवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जब भी ऑड-ईवन (योजना) की जरूरत होगी, हम निश्चित तौर पर इसे लागू करेंगे.

उन्होंने कहा कि हम सबको प्रदूषण कम करने में भूमिका निभानी होगी. दिल्ली सरकार कई कदम उठा रही है. हमने बड़े पैमाने पर पौधा लगाने का अभियान चलाया है. सरकार शीघ्र 3000 बस खरीदेगी. हमने मेट्रो के बड़े चरण को मंजूरी दी है. हम अपनी तरफ से सभी तरह के प्रयास कर रहे हैं. प्रदूषण का स्तर घटाने में केंद्र की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को पड़ोसी राज्यों की बैठक बुलानी चाहिए, क्योंकि हवा की कोई सरहद नहीं है.

केजरीवाल ने कहा कि अक्टूबर और नवंबर में तकरीबन 20 से 25 दिन ऐसे होते हैं, जब (पड़ोसी राज्यों में) पराली जलाये जाने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ता है. जब तक केंद्र कदम नहीं उठाता है, तब तक कुछ भी नहीं किया जा सकता. दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार चौथे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, क्योंकि मौसमी दशाएं प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिए प्रतिकूल हैं. शहर को दिवाली के समय से सबसे खराब प्रदूषण के संकट का सामना करना पड़ रहा है.

Next Article

Exit mobile version