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कांग्रेस और AIADMK के वॉक आउट के बीच ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा से पास

* लोकसभा में पास हुआ ट्रिपल तलाक बिल, पक्ष में 245 और विपक्ष में पड़े 11 वोट. – कांग्रेस और AIADMK के वॉक आउट के बीच ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा से पास – ट्रिपल तलाक बिल में संसोधन को लेकर लोकसभा में वोटिंग जारी. – कांग्रेस और AIADMK का लोकसभा से वॉक आउट, सरकार चाहती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2018 10:24 AM

* लोकसभा में पास हुआ ट्रिपल तलाक बिल, पक्ष में 245 और विपक्ष में पड़े 11 वोट.

– कांग्रेस और AIADMK के वॉक आउट के बीच ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा से पास

– ट्रिपल तलाक बिल में संसोधन को लेकर लोकसभा में वोटिंग जारी.

– कांग्रेस और AIADMK का लोकसभा से वॉक आउट, सरकार चाहती है चर्चा, विपक्ष का भारी हंगामा

-तीन तलाक के मामले मेंपीड़ित महिलाओं की अावाज सुने संसद : रविशंकर


-ट्रिपल तलाक बिल पर संबंद्ध पक्षोंसे बात नहींकी गयी-ओवैसी
-इस्लामिक देशोंमें भी तीन तलाक पर प्रतिबंध है- रविशंकर

-विपक्ष के सुझाव के अनुसार विधेयक मेंकिये गये बदलाव-

-कानून मंत्री ने की बिल पर आज ही चर्चा की मांग-

चर्चा से पहले विपक्ष का हंगामा, कांग्रेस ने की ज्वाइंट सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग-

हंगामे के बाद कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित-


-राफेल डील पर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित-



– कांग्रेस और भाजपा ने अपने सांसदोंको व्हिप जारी किया-

-मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हम ‘ट्रिपल तलाक’ बिल पर चर्चा में भाग लेंगे और अपने विचारों को रखेंगे. हम सरकार से यह मांग करेंगे कि यह धार्मिक मुद्दों में हस्तक्षेप ना करे-

नयी दिल्ली : कांग्रेस और AIADMK के वॉक आउट के बीच ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा से पास हो गया. पक्ष में 245 और विपक्ष में 11 वोट पड़े. इससे पहले इस मुद्दे को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के हंगामे के बीच कानून मंत्री रविशंकर ने ‘ट्रिपल तलाक बिल’ पर चर्चा शुरू की. बिल पर चर्चा को लेकर भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया था. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सदन में ट्रिपल तलाक बिल को पेश किया गया था और आज 27 दिसंबर को इसपर चर्चा के लिए सहमति बनी थी.

ज्ञात हो कि सरकार ने 17 सितंबर को ‘ट्रिपल तलाक’ के खिलाफ अध्यादेश जारी कर दिया था. इस अध्यादेश की अवधि छह माह में समाप्त हो जाती है, उससे पहले सरकार इस विधेयक को संसद से पास कराना चाहती है.

गौरतलब है कि पिछली बार जब बिल संसद में पेश किया गया था तो एकबार में तीन तलाक देना गैरजमानती अपराध था, लेकिन अब बिल में कई संशोधन किये गये हैं, जिनमें अब इस अपराध पर जमानत का प्रावधान है. मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकते हैं. पहले बिल में यह प्रावधान था कि पुलिस स्वतं संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी , लेकिन अब पीड़िता या फिर उसके करीबी रिश्तेदार को ‘ट्रिपल तलाक’ के खिलाफ शिकायत दर्ज करानी होगी.

अभी भी बिल के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताकर मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर शौहर जेल चला गया, तो बीवी को गुजारा कौन देगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल पर जमानत की सुविधा देने की मांग कर रही थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है. अब देखना यह है कि पार्टी इस बिल पर कौन सा रुख अपनाती है, हालांकि आज कांग्रेस की बैठक है जिसमें बिल पर रणनीति तय होगी.

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