संसद में विपक्ष का हंगामा , लोकसभा बाधित, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित

नयी दिल्ली : कल लोकसभा से ‘ट्रिपल तलाक’ बिल तो पास हो गया लेकिन आज फिर राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया, साथ ही माकपा, अन्नाद्रमुक एवं तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने भी हंगामा किया जिसके कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2018 12:45 PM


नयी दिल्ली :
कल लोकसभा से ‘ट्रिपल तलाक’ बिल तो पास हो गया लेकिन आज फिर राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया, साथ ही माकपा, अन्नाद्रमुक एवं तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने भी हंगामा किया जिसके कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई .

प्रश्नकाल शुरू होने के साथ ही कांग्रेस सदस्य राफेल विमान सौदे की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास आ गए . तेदेपा सदस्य भी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर आसन के निकट पहुंच गए . कुछ देर बाद अन्नाद्रमुक सदस्य भी कावेरी नदी पर बांध का निर्माण रोकने की मांग करते हुए आसन के निकट पहुंच गए. माकपा के सदस्यों ने भी सरकार से महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग करते हुए नारेबाजी की. कांग्रेस सदस्यों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर ‘वी डिमांड जेपीसी’ , ‘प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो’ तथा अन्य नारे लिखे हुए थे.

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शोर शराबे के बीच ही अध्यक्ष ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना तथा बच्चों के लिए छात्रावास से संबंधित प्रश्न लिए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पूरक प्रश्न के उत्तर भी दिये . लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की बैठक चलने देने को कहा, लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद ही बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी.

वहीं राज्यसभा में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग , तमिलनाडु में कावेरी बांध के निर्माण सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर शिरोमणि अकाली दल के सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा ने गुरू गोविंद सिंह के छोटे साहेबजादे के शहीदी दिवस की तरफ सदन का ध्यान आकृष्ट कराया. ढींढसा ने कहा , ‘‘ आज गुरू गोविंद सिंह के छोटे साहेबजादे का शहीदी दिवस है , जिनको नौ साल की उम्र में दीवारों में जिंदा चुनवा दिया गया था. आज से चार – पांच दिन पहले बड़े साहेबजादे का शहीदी दिवस था. वह 18 साल की उम्र में जंग में शहीद हुए. ‘

अकाली दल के नेता ने कहा , ‘‘ कल लोकसभा में उनके लिए प्रार्थना की गई. अनुरोध है कि उनकी शहादत की याद में हम भी प्रार्थना करें. ‘ इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा , ‘‘ आपने बहुत संवेदनशील मुद्दा उठाया. पूरा देश गुरू गोविंद सिंह जी के पुत्रों की शहादत के बारे में जानता है. देश उनके त्याग को नहीं भूल सकता. पूरा सदन सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा की संवेदनाओं से खुद को जोड़ता है. सदन ने उनके लिए सम्मान अर्पित किया है. ‘ इसके बाद सभापति ने सदन के पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाए. सभापति ने कार्य मंत्रणा समिति की 27 दिसंबर को हुई बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए आवंटित समय की जानकारी भी दी. इसके बाद सदस्यों ने सदन के नेता अरुण जेटली और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य ए के एंटनी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी.

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दोनों नेताओं को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के तुरंत बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. अन्नाद्रमुक , वाईएसआर कांग्रेस , तेदेपा सहित कई अन्य दलों के सदस्य कावेरी नदी पर बांध बनाने , आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने सहित अलग अलग मुद्दों पर हंगामा करने लगे. अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए. सभापति ने सभी सदस्यों से व्यवस्था बनाए रखने और जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की अपील की. संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने अपील करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही के लिए अब मुश्किल से सिर्फ सात दिन रह गए हैं.

तीन तलाक सहित अन्य विधेयक पारित होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियों से निवेदन है कि सदन चलने दें. राफेल सहित कई मुद्दे चर्चा के लिए लंबित हैं. अपील के बाद भी हंगामा नहीं थमने पर सभापति ने कहा कि अब हंगामा करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का वक्त आ गया है. उन्होंने कहा , ‘‘ सरकार चर्चा के लिए तैयार है. मैं चर्चा कराने के लिए तैयार हूं. जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी है. फिर आप लोग (हंगामा कर रहे सदस्य) क्यों नहीं तैयार है ? अब कार्रवाई करने का वक्त आ गया है. ‘ बहरहाल , सदन में व्यवस्था कायम करने के अनुरोध के बावजूद हंगामा जारी रहने पर सभापति ने करीब 11:15 बजे कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी. गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही उच्च सदन में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लगातार गतिरोध बना हुआ है. हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल भी सुचारू रूप से नहीं चल पाए हैं.

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