Year2018 : रेलवे के लिए ‘‘2018, कई शुरुआतों का साल””

नयी दिल्ली : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वर्ष 2018 में रेलवे की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह वर्ष उपलब्धियों भरा रहा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष को लेकर अगर भारतीय रेलवे पर कोई टैग लाइन बनाया जाये तो वह ‘‘2018, कई शुरुआतों का साल’ होगा. ट्रेन में देरी, खराब गुणवत्ता का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2018 3:39 PM


नयी दिल्ली :
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वर्ष 2018 में रेलवे की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह वर्ष उपलब्धियों भरा रहा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष को लेकर अगर भारतीय रेलवे पर कोई टैग लाइन बनाया जाये तो वह ‘‘2018, कई शुरुआतों का साल’ होगा. ट्रेन में देरी, खराब गुणवत्ता का भोजन, कैटरर द्वारा अधिक शुल्क लेना जैसी यात्रियों की शिकायतें इस साल भी आम रही लेकिन इसके अलावा भारत की सबसे तीव्र गति की ट्रेन, सबसे लंबा पुल चालू करना, पहली बार डीजल से चलने वाले इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में बदलना, पहला परिवहन विश्वविद्यालय बनाना, पहली एयर कंडीशंड लोकल ट्रेन और संभवत: पिछले तीन दशकों में पहली बार सबसे कम दुर्घटना जैसी अच्छी चीजें भी उसके खाते में गईं. हालांकि, दशहरे पर अमृतसर ट्रेन हादसे के बाद रेलवे की भूमिका जांच के घेरे में आ गई.

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इस हादसे में 58 लोग मारे गए थे. यह सवाल उठे कि रेल की पटरियों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के बावजूद रेलवे ने तीव्र गति की ट्रेन को हरी झंडी कैसे दिखा दी. गोयल ने कहा, ‘‘सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दी गई और इस साल अभी तक के सबसे कम रेल हादसे देखे गए.’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साढ़े चार साल में हमने परिवर्तनकारी सुधार लागू करने की नयी संस्कृति और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने को मन में ठाना. इसके परिणामस्वरूप, पिछला साल भारतीय रेलवे के लिए ‘कई शुरुआतों’ के साल के रूप में उभरा.’ मार्च 2017-18 तक 73 रेल दुर्घटनाएं हुईं जबकि अप्रैल से 15 दिसंबर तक ऐसे 45 मामले सामने आए. पिछले साल अप्रैल-दिसंबर के दौरान ऐसे 54 मामले सामने आए थे. इंटीग्रल कोच फैक्टरी द्वारा 97 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई सबसे तीव्र गति वाली ट्रेन 18 ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की लेकिन अभी इसे रेलवे के बेड़े में शामिल करने के समय का पता नहीं है. भारत की सबसे तेज गति वाली शताब्दी ट्रेनों की जगह ले रही टी18 दिल्ली से वाराणसी तक चलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस पर असम में एशिया का दूसरा सबसे लंबा पुल खोला. पुल के उद्घाटन के 16 साल बाद इसे खोला गया है. पुल के चालू होने से असम में तिनसुकिया और अरुणाचल प्रदेश में नाहरलगुन के बीच यात्रा समय करीब 10 घंटे तक कम हो गया है.

एक अन्य पहल करते हुए रेलवे ने दुनिया में पहली बार डीजल से चलने वाले इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में बदला. 2018 को ऐसे वर्ष के तौर पर याद किया जाएगा जिसमें रेलवे ने अपना पहला परिवहन विश्वविद्यालय राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान (एनआरटीआई) स्थापित किया. यह संस्थान गुजरात के वडोदरा में खोला गया. रूस तथा चीन के बाद यह दुनिया का तीसरा ऐसा विश्वविद्यालय है. रेल मंत्री ने इसके साथ ही यह बताया कि कैसे रेलवे ने इस साल सुरक्षा और सेवाओं में सुधार लाने के लिए 1.3 लाख से अधिक पदों पर सबसे बड़ा भर्ती अभियान चलाया.

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मुंबई उपनगरीय रेलवे के लिए पहली एयर कंडीशंड लोकल ट्रेन के साथ रेलवे के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई. ऐसी और ट्रेनें लाने की तैयारी है. इस बार रेलवे पहली बार टिकटिंग, शिकायतों का समाधान, फूड मेन्यू, ट्रेनों का पता लगाने के लिए कई ऐप लेकर आया. गोयल ने कहा, ‘‘वेबसाइट में सुधार करने से लेकर अनारक्षित टिकटों की बुकिंग के लिए ऐप तक टिकटिंग को आधुनिक बनाया गया. रेलवे एक बार फिर आधुनिकता का प्रतीक बन रही है. यह साल कई पहलों की शुरुआत का रहा.’

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