नयी दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस ने सोमवार को एक बार फिर राफेल सौदे का मुद्दा उठाया और इसमें कथित तौर पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर दो जनवरी को चर्चा करने के लिए तैयार है. इस पर सरकार ने कहा कि वह पहले से ही राफेल मुद्दे पर चर्चा करने को कह रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी बार-बार झूठ बोलकर चर्चा से भागती रही है.
कांग्रेस सदस्य 11 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं और इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग करते रहे हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चर्चा के लिए चुनौती दी गयी है, तो हम इस चुनौती को स्वीकार करते हैं और दो जनवरी को चर्चा करायी जाये. इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कोई चुनौती नहीं है. वो (सत्तापक्ष) पहले भी चर्चा के लिए तैयार थे, लेकिन आपकी तरफ से कुछ ऐसा हो गया कि चर्चा नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री ने चर्चा की बात कही है और अब आप तैयार हैं, तो चर्चा होगी, लेकिन चर्चा कब होगी इसका फैसला मुझे करना है.
संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह बात पहले उठायी गयी, तब गृह मंत्री, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चर्चा कराने को तैयार है. हमें चर्चा कराने से कोई एतराज नहीं है, कांग्रेस को चर्चा से बचने की बजाय, इसमें हिस्सा लेना चाहिए. सोमवार को शून्यकाल और अनुदान की अनुपूरक मांग के दूसरे बैच पर चर्चा के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय को उठाया और राफेल मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की. इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लगातार और बार-बार झूठ बोलने से कोई बात सच कभी नहीं होती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बारे में (राफेल) कितना भी असत्य क्यों न बोले, वह सच कभी नहीं बन सकता. राजनाथ सिंह ने कहा कि इस विषय पर हम सदन में चर्चा कराने को तैयार हैं, कांग्रेस पार्टी बहस से क्यों भाग रही है, यह बतायें.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, राफेल मुद्दे पर तुरंत चर्चा करायी जाये. इनकी पार्टी झूठ पर झूठ बोल रही है. ऐसे में इस मुद्दे पर अभी चर्चा शुरू की जाये. खड़गेजी चर्चा शुरू करें और मैं जवाब देने को तैयार हूं. भाजपा सदस्यों ने भी राफेल मुद्दे पर चर्चा की मांग की. वहीं, अपने हाथों में तख्तियां लिए कांग्रेस सदस्य अपनी मांग को लेकर आसन के समीप नारा लगा रहे थे. अनुदान की अनुपूरक मांग पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि बोफोर्स मामले और 2जी मामले में भी जेपीसी का गठन किया गया था और क्लीनचिट दी गयी, जबकि बाद में गड़बड़ी पकड़ी गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि अब अगस्ता वेस्टलैंड में ‘मिसेज जी’ का नाम आया है, इसका पैसा किसके पास गया.
दुबे ने कहा कि 11 दिसंबर से संसद का सत्र शुरू हुआ है, कांग्रेस राफेल मामले में संसद की कार्यवाही बाधित कर रही है. सरकार चर्चा को तैयार है, कांग्रेस तैयारी करके नहीं आती और केवल बाधा डालने का काम कर रही है. देश की जनता को यह पता होना चाहिए. इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राफेल विमान सौदा फ्रांस के साथ किया गया. इस विमान को अधिक कीमत पर खरीदा गया. यह विमान संप्रग सरकार की तुलना में तीन गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया. उन्होंने सवाल किया कि सरकार विमान की कीमत क्यों नहीं बता रही है. इस संबंध में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को अनुबंध क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें 30 हजार करोड़ रुपये का कथित घोटाला हुआ है. इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच करायी जाये.
भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने राफेल मामले पर कांग्रेस सदस्यों के विरोध का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सदन में हैं और वे आरोप लगाते हैं और हर बार अलग-अलग कीमत बताते हैं. उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस के लोग इस मामले पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं. कांग्रेस सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान भी राफेल विमान सौदे की जेपीसी से जांच की मांग की और सदन में नारेबाजी की. इसके कारण कार्यवाही बाधित हुई और बैठक प्रश्नकाल समाप्त होने से 10 मिनट पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.