नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई को दिये नये साल के पहले साक्षात्कार में यह साफ कर दिया है कि अदालती प्रक्रिया पूरी होने के बाद राम मंदिर पर अध्यादेश लाने पर विचार कर सकते हैं. इस साक्षात्कार में उन्होंने प्रमुख विपक्षी दल पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मसले पर अदालती प्रक्रिया काफी धीमी इसलिए है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के वकील बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं.
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राम मंदिर के अब भी भाजपा के लिए भावनात्मक मुद्दा होने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि हमने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि इस मसले का समाधान संवैधानिक तरीके से किया जायेगा. भाजपा ने लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण चाहती है.
#WATCH PM Narendra Modi's interview to ANI's editor Smita Prakash https://t.co/k2qHD2ULhN
— ANI (@ANI) January 1, 2019
पीएम मोदी ने अध्यादेश के सवाल पर सीधे तौर पर कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और संभवत: आखिरी चरण में है. उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाने दीजिये. इस प्रक्रिया की समाप्ति के बाद सरकार के तौर पर जो भी जिम्मेदारी होगी, उसके लिए हम तैयार हैं.
तीन तलाक पर लाये गये अध्यादेश से राम मंदिर मसले की तुलना को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि दोनों में अंतर है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर अध्यादेश तब लाया गया, जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया था. यह भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही लाया गया. पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर राम मंदिर मसले को अटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीते 70 सालों से शासन कर रही सरकारों ने अयोध्या मसले को अटाकने का काम किया.
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने क्यों दिया इस्तीफा
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफ को लेकर पीएम मोदी ने साफ किया कि उन्होंने खुद निजी कारणों का हवाला देकर इस्तीफा पेश किया. वे मुझे इस्तीफा देने से पहले 4-5 महीने पहले ये बोल चुके थे. उन्होंने यह लिखित में भी दिया था. राजनीतिक दवाब का सवाल ही पैदा नहीं होता. उन्होंने बतौर आरबीआई गर्वनर काफी अच्छा काम किया. यह एक तथ्य है कि जो परिवार को पहले मानते हैं, जिन्होंने 4 पीढ़ियों तक देश चलाया, जो जमानत पर बाहर हैं और वो भी वित्तीय अनियमितताओं के मामले में, यह एक बड़ी बात है. जो लोग उनकी सेवा में हैं, वे इन बातों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.
एक लड़ाई से नहीं सुधरेगा पाकिस्तान
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी सीमापार पाकिस्तान की ओर से होने वाले हमलों पर पीएम मोदी ने कहा कि एक लड़ाई से पाकिस्तान सुधर जायेगा, ये सोचना बहुत बड़ी गलती होगी. पाकिस्तान को सुधरने में अभी और समय लगेगा.
नोटबंदी कोई झटका नहीं था..
नोटबंदी को लेकर विपक्ष के हमलों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि वह झटका नहीं था, हमने लोगों को एक साल पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर आपके पास कालाधन है, तो अभी सामने आ जाओ, उसे जमा करवा दो और जुर्माने का भुगतान कर दो, हम आपकी मदद करेंगे, लेकिन उन्हें लगा कि मोदी औरों की तरह पेश आयेगा. इसलिए बेहद कम लोग इसमें सामने आये. हमारे देश में बार-बार खबरें आती थी कि कालाधन, बिस्तरों से नोटों की बौछार होती थी, यह इस बात का सुबूत था कि हमारे देश में एक समानांतर अर्थव्यवस्था है. नोटबंदी से इस समानांतर अर्थव्यवस्था पर चोट की गयी है. नोटबंदी ने सबसे बड़ा काम किया है वह देश को आगे आर्थिक रूप से मजबूती देगा. नोटबंदी के जरिये युवाओं में ईमानदारी का माहौल बना है.
पर्यावरण के दुश्मन को चैंपियंस ऑफ द अर्थ का अवार्ड मिलना बड़ी बात
पर्यावरण के मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत को दुनियाभर में पर्यावरण के दुश्मन के तौर पर देखा जाता है, उस देश को 2018 में चैंपियंस आॅफ द अर्थ का अवार्ड मिलता है, यह सफलता नहीं तो और क्या है?
तीन राज्यों में हार पर मोदी ने कही ये बात
तीन राज्यों में भाजपा को कांग्रेस के हाथों मिली हार पर पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साफ-साफ नतीजा आया, लेकिन दो राज्यों में हमें मिला-जुला परिणाम मिला. इन दोनों राज्यों में मिली हार पर हम चर्चा भी कर रहे हैं और रणनीति बना रहे हैं. पिछले दिनों हरियाणा में उप-चुनाव हुए. त्रिपुरा में भी उप-चुनाव हुए. दोनों राज्यों में भाजपा ने काफी अच्छा परिणाम पाया.
मोदी लहर पर विपक्ष के वार पर दिया करारा जवाब
विपक्ष की ओर से देश में मोदी लहर समाप्त हो जाने के मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि जब लोग कहते हैं कि मोदी लहर खत्म हो गया, तो मैं उन लोगों का स्वागत करता हूं, क्योंकि ऐसे में वे कहीं न कहीं मानते हैं कि मोदी मैजिक नाम की कोई चीज है. लोगों को गठबंधन में लाने के लिए विपक्षी नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन सामान्य मानव सभी बातों को समझता है, मेरा देश के नागरिकों पर, देश के युवाओं पर भरोसा है. जो लोग कहते हैं कि भाजपा मोदी और शाह के नाम पर चलती है, वो लोग भाजपा को नहीं जानते हैं, न समझते हैं. भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. हर स्तर पर अलग-अलग कार्यकर्ता लगे हुए हैं. इसलिए पार्टी पर लोगों का भरोसा बड़ा है. पूरे आत्मविश्वास के साथ हमारी पार्टी आगे बढ़ रही है. मोरल डाउन होने का सवाल नहीं है.
कांग्रेस को अपनी संस्कृति से बाहर आना चाहिए
देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को सलाह देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की संस्कृति परिवारवाद, फर्स्ट फैमिली और भ्रष्टाचार की है. मैं कहता आया हूं कि कांग्रेस को अपनी संस्कृति से बाहर आने की जरूरत है. कांग्रेस को भी कांग्रेस से मुक्ति चाहिए.
डिफॉल्टरों को छोड़ा नहीं जायेगा
बैंकों से कर्ज लेकर या फिर आर्थिक धोखाधड़ी करके विदेश भागने वाले बड़े कारोबारियों के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि आखिर भागना क्यों पड़ा? अगर पहले जैसी सरकार होती, तो उन्हें भागना नहीं पड़ता. उन्हें भागना इसलिए पड़ा, क्योंकि उन्हें पता है कि देश में रहेंगे, तो कानूनों का पालन करना पड़ेगा. अब भागे हैं, तो वापस लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, संपत्तियां जब्त की जा रही हैं, विदेशों में भी संपत्तियां जब्त हो रही हैं, नीतियों के जरिये भी ऐसे लोगों को वापस लाने का काम किया जा रहा है. इसी का नतीजा है कि इस देश के भूतपूर्व वित्त मंत्री को आज अदालत के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. कानून के हिसाब से सबको चलना पड़ेगा. जो लोग इस सरकार के कार्यकाल में देश छोड़कर भागे हैं, उन्हें आज या कल वापस जरूर लाया जायेगा. रणनीतिक प्रयास और कानूनी प्रक्रिया जारी होने के साथ ही संपत्तियों को जब्त किया गया है. जिन्होंने देश का पैसा चुराया है, उन्हें हर पैसे का हिसाब चुकाना होगा.
जीएसटी में रोजमर्रा की वस्तुओं को सस्ता किया गया
जीएसटी मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि संसद में सर्वसम्मति से जीएसटी पारित हुआ. जीएसटी के आने से पहले देश में टैक्स स्लैब क्या था? जीएसटी से पहले 30-40 फीसदी टैक्स हुआ करता था और लोग टैक्स देते थे. जीएसटी के आने के बाद करों के भुगतान को आसान बनाया गया. रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजों को सस्ता किया गया. यह देश के नागरिकों को बताने की जरूरत होती है कि जीएसटी में केवल भारत सरकार का निर्णय नहीं होता, बल्कि जीएसटी काउंसिल में होता है, जिसमें सभी राज्य सरकारें भी होती हैं और भारत सरकार भी उसमें एक पक्ष है. सभी लोग मिल बैठकर निर्णय लेते हैं.
मध्यम वर्ग को लगाया मरहम
मध्यम वर्ग के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि मध्यम वर्ग के बारे में हमें चिंता करनी चाहिए. इसलिए नहीं कि वे हमें वोट देते हैं, बल्कि इसलिए कि वे देश के लिए जरूरी हैं. हमने मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ायी, उड़ान योजना लायी, यह सब मध्यमवर्ग के लिए है. स्टार्टअप योजना, मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना, इनकम टैक्स में रियायत से लेकर बिजली के बिल में रियायत तक हमने मिडिल क्लास के लिए काफी काम किया है.
किसानों के कर्ज पर विपक्षी दावों को लॉलीपॉप कहा
किसानों की कर्जमाफी पर विपक्ष के हमले पर पीएम मोदी ने कहा कि झूठ बोलना और गलत बात फैलाना, यह लॉलिपॉप है. जैसे कि उन्होंने कहा कि किसानों का सारा कर्ज माफ कर दिया. सच यह है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है. उनके अपने सर्कुलर देख लीजिए. उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2009 चुनाव जीतने के लिए भी कर्ज माफी की घोषणा की गयी थी, लेकिन ऐसा क्या है कि कर्ज माफी के बाद भी उनकी समस्या दूर नहीं हो रही है. इसलिए जरूरी है किसानों को मजबूत बनाया जाए. उन्होंने कहा कि जिन किसान को मरना पड़ रहा है, वह इस व्यवस्था का (कर्ज माफी) हिस्सा नहीं है. कोई राज्य सरकार अगर कर्ज माफी करती है, तो हम उन्हें रोकते नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन सरकार एमएसपी लागू करती, तो किसानों को कर्ज नहीं होता.
राम मंदिर पर विपक्ष को दी नसीहत
राम मंदिर निर्माण मसले पर विपक्ष और कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं कांग्रेस से विनती करता हूं कि अपने वकीलों को कहें कि इस मसले का हल निकाला जाये. कांग्रेस के वकील उसमें अड़ंगे न डालें, तो यह मामला काफी जल्दी सुलझ सकता है. उन्होंने कहा कि हम दूसरे की भावनाओं का आदर करें, तो हमारी भावनाओं का आदर होता है.
विरोधियों की आवाज दबाना निंदनीय
विरोधियों की आवाज को दबाने के आरोप पर पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में विरोधियों की आवाज दबाने के लिए अगर कोई काम होता है, तो वह निंदनीय है. पश्चिम बंगाल में हमने खुद यह महसूस किया. हमारे खिलाफ कोर्ट के दरवाजे खटखटाये गये. केरल में, कर्नाटक में, जम्मू में, असम में हमारे कार्यकर्ताओं को मारा गया, यह सिर्फ मेरी पार्टी का नहीं, बल्कि सभी पार्टियों के लिए सोचने का विषय है.
सबरीमाला और तीन तलाक पर दिये ये जवाब
सबरीमाला और ट्रिपल तलाक पर छिड़ी बहस पर पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि दुनिया के कई मुस्लिम देशों में ट्रिपल तलाक पर कानूनन रोक है. यह धार्मिक आस्था का विषय नहीं है, लेकिन मंदिर की अपनी मान्यता है.
देश में मॉब लीचिंग शोभा नहीं देती
भारत में भीड़ के द्वारा लोगों की हत्या किये जाने के मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि देश में लींचिंग की घटना शोभा नहीं देती. सभ्य समाज को शोभा नहीं देती. यह गलत और निंदनीय है, लेकिन मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसी घटनाएं इस सरकार में शुरू हुई हैं. भारत की जनता चुनाव की दशा निर्धारित करेगी, एजेंडा तय करेगी. यह चुनाव देश की जनता बनाम गठबंधन के बीच है. मोदी तो जनता के प्यार और विश्वास का प्रतीक है.
महागठबंधन और अपने सहयोगी दलों को लेकर कही ये बातें…
विपक्षी दलों की ओर से बनाये जाने वाले महागठबंधन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि पांच साल में महागठबंधन ने देश के सामाजिक, आर्थिक विषय पर एकमत में कुछ नहीं कहा. वे भिन्न-भिन्न स्वर में कहते हैं. ये खुद को बचाने के लिए मैदान में सहारा ढूंढ रहे हैं. अपने सहयोगी दलों के असंतोष को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे साथी दल भी आगे बढ़ें. हम कभी नहीं चाहेंगे कि हमारे साथी दल न बढ़ें कांग्रेस यही चाहती है. हमारे साथ ऐसा नहीं है. हम सभी निर्णय मिलकर लेते हैं. राज्य और केंद्र की राजनीति में फर्क जरूर होता है, लेकिन हम हर स्तर पर यही मानते हैं. उन्होंने विपक्ष और कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि कई तरह के नैरेटिव बना दिये गये हैं कि भाजपा उत्तर भारतीयों की पार्टी है, सवर्णों की पार्टी है, शहरियों की पार्टी है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.
कांग्रेस को दी नसीहत
पीएम मोदी ने नये साल के पहले साक्षात्कार में कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस को यह कहने का हक नहीं कि हम किसी इंस्टिट्यूशन का सम्मान नहीं करते, क्योंकि कांग्रेस ने ही एनएसई का गठन किया था. पार्टी के ही एक नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कैबिनट के निर्णय को फाड़ दिया, ये लोग सम्मान की बात करते हैं? अगर मिशेल को बचाने के लिए कांग्रेस का कोई वर्कर वकील बनकर पहुंच जाता है, तो यह चिंता का विषय है.
राफेल पर मेरे ऊपर व्यक्तिगत आरोप नहीं
राफेल मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि राफेल पर मेरे ऊपर व्यक्तिगत आरोप नहीं है. संसद में मैंने इस पर विस्तार से जवाब दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय सुना दिया है. वे सबूत तो दें. देश में चर्चा ये होनी चाहिए कि आजादी के बाद डिफेंस की डील विवादों में क्यों है? डिफेंस डील में दलालों की जरूरत क्यों है? उन्होंने कहा कि अगर मेक इन इंडिया 70 साल पहले शुरू होता, तो इन विदेशी डीलों की जरूरत नहीं होती. मेरा यही लक्ष्य है. मैंने तय किया है कि जितनी गालियां मिलेंगी मैं खाऊंगा. जो बोला जायेगा, वह सुनूंगा, लेकिन देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं होने दूंगा.
सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए
सर्जिकल स्ट्राइक के राजनीतिकरण के मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं खुद इसके राजनीतिकरण के पक्ष में नहीं हूं. उन्होंने कहा कि लोगों ने खुद पाकिस्तान को फोन करके सर्जिकल स्ट्राइक की सूचना दी. सर्जिकल स्ट्राइक के मिशन पर पीएम मोदी ने कहा कि सेना के अफसरों ने यह जानकारी दी, डिटेल रिपोर्ट दी, बात वहीं खत्म हो गयी, लेकिन कुछ लोगों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने शुरू कर दिये. पाकिस्तान के लिए ऐसा करना जरूरी था, लेकिन उसी समय हमारे कुछ नेताओं ने भी ऐसा करना शुरू कर दिया. उसी समय सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण शुरू हो गया था. उन्होंने कहा कि पहले ही दिन बयान देकर सेना के मनोबल को रौंदने की कोशिश की गयी, जिस वजह से राजनीति शुरू हुई. सैनिकों के पराक्रम पर बात करना जरूरी है. देश के पीएम होने के नाते उनके पराक्रम का जिक्र करना चाहिए. उनका गौरवगान हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा?
उरी हमले को लेकर गुस्से में थे पीएम मोदी
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कमांडोज की सुरक्षा को देखते हुए दो बार हमले की योजना की तारीखों को बदल दिया गया था. उरी में हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के कई जवानों को जिंदा जला दिया गया था. इसकी वजह से मेरे साथ-साथ भारतीय सेना के जवान भी बहुत गुस्से में थे, जिसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनायी गयी.
उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें साफ निर्देश दिये थे कि आपको सफलता मिलती है या आप असफल भी रहते हैं. इन सबके बारे में मत सोचियेगा, लेकिन सूर्योदय से पहले वापस लौट आइयेगा. बेवजह के किसी उम्मीद में मत फंसियेगा और न ही इसे आगे बढ़ाइयेगा. पीएम मोदी ने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि ऑपरेशन के दौरान कोई भी सैनिक शहीद हो. इसके लिए साफ तौर पर निर्देश थे कि यदि वह असफल भी होते हैं, तो वे सूर्योदय से पहले वापस लौट आयें.
उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि यह एक बड़ा रिस्क था. मुझे किसी भी पॉलिटिकल रिस्क की चिंता कभी नहीं थी. मेरी सबसे बड़ी फिक्र सैनिकों की सुरक्षा थी. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के लिए कमांडोज के चुनाव में सतर्कता बरतने के साथ ही उनकी स्पेशल ट्रेनिंग समेत उन्हें किन हथियारों का की जरूरत है आदि का इंतजाम किया गया. वह पूरे समय इस बात को लेकर चिंतित थे कि एलओसी के उस पार उनके सैनिक थे और तब हालत ज्यादा चिंताजनक हो गयी, जब सुबह के वक्त में एक घंटे के लिए जानकारियों का आदान-प्रदान रुक गया.
साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि सुबह के वक्त सूचनाओं का क्रम तकरीबन एक घंटे तक के लिए बंद हो गया. इस दौरान मेरी चिंता बढ़ गयी. यहां तक सूर्योदय को एक घंटा बीत चुका था. वह मेरे लिए बहुत मुश्किल वक्त था. तभी खबर मिली कि वे अभी वापस नहीं लौटे हैं, लेकिन दो-तीन यूनिट्स सुरक्षित जगहों पर पहुंच गयी थीं, तो घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन मैंने कहा जब तक आखिरी सैनिक तक वापस नहीं आ जाता है, तब तक सबकुछ ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमारे जवानों का हौसला बरकरार रखने के लिए पाकिस्तान के साथ इस अंदाज में बातचीत जरूरी थी. हैरानी वाली बात तो यह है कि जो पाकिस्तान की ओर से कहा जा रहा था, वहीं यहां पर भी कहा गया. इसकी वजह से पाकिस्तान के दावों को दम मिला. उन्होंने कहा कि देश को इस बारे में सूचना मिलने से पहले ही पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा शुरू कर दी थी.
पाकिस्तान से बातचीत का किसी सरकार ने विरोध नहीं किया
पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत में कभी भी किसी भी सरकार ने, भारत के किसी भी पीएम ने पाकिस्तान के साथ बातचीत का विरोध नहीं किया, ये हमारी पॉलिसी है. हमारा केवल इतना कहना है कि क्रॉस टेरररिज्म के बीच बातचीत नहीं हो सकती. चीन के मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि डोकलाम पर भारत का क्या रहा वह आप देखिए, डोकलाम पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसे धोखा कहा जा सके.
विदेशी दौरों पर पीएम मोदी ने दिया स्पष्टीकरण
अपने विदेशी दौरों पर पीएम मोदी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय फोरम काफी हो गये हैं, लेकिन पीएम से निचले स्तर का व्यक्ति जाता है, तो उसकी चर्चा नहीं होती. पहले ऐसा होता था कि जब कोई जाता था, तो पता भी नहीं चलता था, मेरा ऐसा नहीं है. मैं जाता हूं, तो सबसे मिलता हूं. काम करता हूं, तो लोगों को पता चलता है. हमसे पहले भी प्रधानमंत्री विदेशी दौरे पर जाते थे और यह पॉलिसी का हिस्सा है. मैं अपने विदेशी दौरों में कम खर्चों पर काम करने का प्रयास करता रहा.