लोकसभा चुनाव : जदएस ने कर्नाटक में मांगी 12 सीटें, जल्द तैयार होगा खाका

नयी दिल्ली : कर्नाटक में कांग्रेस और उसकी सत्तारूढ़ सहयोगी जदएस के बीच सीटों के बंटवारे पर माथापच्ची के बीच, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों में कर्नाटक की 28 में से 12 सीटें मिलनी चाहिए. जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख ने कहा कि सीटों के बंटवारे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2019 10:19 PM

नयी दिल्ली : कर्नाटक में कांग्रेस और उसकी सत्तारूढ़ सहयोगी जदएस के बीच सीटों के बंटवारे पर माथापच्ची के बीच, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों में कर्नाटक की 28 में से 12 सीटें मिलनी चाहिए.

जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख ने कहा कि सीटों के बंटवारे के खाके पर सबसे पहले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सिद्धरमैया की अध्यक्षतावाली गठबंधन समन्वय समिति द्वारा राज्य स्तर पर चर्चा होगी और फिर इसे दोनों दलों के प्रमुखों द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र के बाद अंतिम रूप दिया जायेगा. देवगौड़ा ने संवाददाताओं से कहा, सीटों का बंटवारा 2:1 के फार्मूले पर होगा. गठबंधन सरकार बनने के बाद, विभागों, बोर्डों तथा निगमों (के प्रमुखों) के आवंटन में इसी फार्मूले को अपनाया गया. स्वाभाविक तौर पर, यही फार्मूला लोकसभा सीटों के संबंध में लागू होगा. उन्होंने कहा कि फार्मूले के अनुसार, जेडी(एस) को 11 सीटें मिलनी चाहिए और पार्टी एक अतिरिक्त सीट मांग रही है. उन्होंने कहा कि अगर कोई मतभेद है, तो उसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ चर्चा के बाद दूर कर लिया जायेगा.

सूत्रों के अनुसार, इस संकट से निपटने के लिए कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी अध्‍यक्ष शरद पवार और जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्‍दुल्‍ला से मदद मांगी है. कांग्रेस चाहती है कि तीनों नेता एनडीए के खिलाफ राष्‍ट्रीय गठबंधन बनाने में आ रही बाधाओं को दूर करने की जिम्‍मेदारी लें. इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि जहां नायडू ने नेतृत्‍व करने को अपनी स्‍वीकृति दे दी है, वहीं तीनों नेता जनवरी के मध्‍य में एक महत्‍वपूर्ण बैठक आयोजित करेंगे जिसमें गठबंधन बनाने के लिए रोड मैप पर चर्चा होगी. टीडीपी के प्रवक्‍ता कमबमपति राममोहन राव ने कहा, क्षेत्रीय दल जितनी सीटों पर समझते हैं कि वे जीत सकते हैं, उतनी सीटें मांगने का उन्‍हें हक है. संभावित गठबंधन सहयोगियों के साथ लोकसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार करने से पहले इस मुद्दे का समाधान कर लिया जायेगा.

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