नयी दिल्लीः रेल किराये में हुई बढोतरी के बाद मोदी सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. विपक्षी रेल किराये में हुई बढ़ोतरी को लेकर जगह- जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब सहयोगी दल शिवसेना ने भी रेल किराये में हुई बढोतरी का विरोध किया है.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रेल किराये में हुई बढोतरी का विरोध किया है उन्होंने कहा कि गरीब जनता पर इतनी बढोतरी का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए. ज्यादातर गरीब लोग रेल से सफर करते है. इससे उन पर और बोझ बढ़ेगा शिवसेना प्रमुख ने कहा, पार्टी के सांसद इस मुद्दे को देखेंगे ताकि बढ़े हुए किराया को वापस लिया जाए. उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में मुलाकात करेंगे और बढ़ा किराया अगर वापस नहीं होता है, तो उसे घटाने की अपील करेंगे. उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार किसी भी हालत में लोगों की जेब से पैसा क्यों निकालना चाहती है, जब उनकी जेब में कुछ बचा ही नहीं है.
उद्धव ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा पहले रेलवे में बेहतर सुविधाएं देने पर अपना ध्यान लगाना चाहिए. इसके बाद बढोतरी पर विचार किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि 20 जून को केंद्र सरकार ने रेलवे के यात्री किराये और माल भाड़े में भारी बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था. यात्री किराये में 14.2 फीसद और माल भाड़े में 6.5 फीसद बढ़ोतरी का ऐलान किया गया. यह बढ़ा किराया 25 जून से प्रभावी होना है. इस बढोतरी के बाद शुरु हुए विरोध से सरकार की परेशानियां बढ़ती जा रही है. शिवसेना रेल किराये में हुई बढोतरी को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए भी जाहिर कर रही है क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में उन्हें इस रेल किराये में हुई बढोतरी का नुकसान हो सकता है.