जेटली के बाद सुषमा ने दिया करारा जवाब, कहा- राफेल पर विवाद कांग्रेस के दिमाग में है

नयी दिल्ली : राफेल मामले की गूंज गुरुवार को राज्यसभा में सुनाई दी. बुधवार को लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली के कांग्रेस पर तीखे हमले के बाद आज राज्यसभा में तीखी बहस हुई. राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के सवालों का जवाब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिया. हालांकि सुषमा स्वराज के जवाब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2019 2:40 PM

नयी दिल्ली : राफेल मामले की गूंज गुरुवार को राज्यसभा में सुनाई दी. बुधवार को लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली के कांग्रेस पर तीखे हमले के बाद आज राज्यसभा में तीखी बहस हुई. राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के सवालों का जवाब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिया. हालांकि सुषमा स्वराज के जवाब से कांग्रेस सांसद असंतुष्ट नजर आये और उन्होंने राज्यसभा से वॉकआउट किया. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से प्रश्‍न किया कि क्या सरकार प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति ओलांद के मिनट जारी करेगी, क्योंकि इसपर विवाद है?

कांग्रेस सांसद के सवाल पर सुषमा स्वराज ने कहा कि कोई विवाद नहीं है…विवाद कांग्रेस के दिमाग में है, सुप्रीम कोर्ट ने आपके हर सवाल का बिंदूवार जवाब देने का काम किया है…इसके बाद विवादित कहना ठीक नहीं है. सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत यात्रा के पर आए फ्रांस के विदेश मंत्री के साथ राफेल के विषय में 15 दिसंबर को कोई चर्चा नहीं हुई, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फ्रांस के विदेश मंत्री खुश नजर आये.

इससे पहले राफेल डील को लेकर लोकसभा में बुधवार को जोरदार बहस हुई. विपक्ष व सत्तापक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर चला. सदन में इस मुद्दे पर बहस की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की. उन्होंने डील को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और जेपीसी से जांच की मांग की. हालांकि, सरकार ने जेपीसी की मांग को अस्वीकार कर दिया.

क्या कहा राहुल ने

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि जेपीसी जांच से दूध का दूध व पानी का पानी हो जायेगा. देश को पता चलेगा कि ‘मोदी जी ने ‘डबल ए’ (अनिल अंबानी) की जेब में 30 हजार करोड़ रुपये डाले हैं. सदन में प्रधानमंत्री मोदी की अनुपस्थिति पर कटाक्ष किया कि उनमें यहां आकर सामना करने की हिम्मत नहीं है. वह अपने कमरे में छिपे हुए हैं. इस मामले में पूरी दाल काली है. देश जानना चाह रहा है कि किसके कहने पर राफेल का सौदा बदला गया. यूपीए सरकार ने वायुसेना के कहने पर 126 राफेल खरीदने की प्रक्रिया आगे बढ़ायी थी, लेकिन नये डील में विमानों की संख्या घटा कर 36 कर दी गयी. सवाल किया कि किसके कहने पर यह किया गया, क्या वायुसेना ने ऐसा करने के लिए कहा था? वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेपीसी की जरूरत नहीं है. इस डील में कोर्ट की अंतरात्मा संतुष्ट हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष की चुनावी जरूरत संतुष्ट नहीं हुई है. राहुल के आरोपों को झूठ करार देते हुए कहा कि राफेल के दाम यूपीए सरकार की तुलना में कम हैं. कांग्रेस के अपने ही हाथ अगस्ता-बोफोर्स व नेशनल हेराल्ड जैसे घोटाले में रंगे हुए हैं, फिर भी वह दूसरों पर सवाल उठा रही है. साफ छवि वाली मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए झूठ गढ़ रही है. कांग्र्रेस पर देश की सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया.

राफेल पर पुनर्विचार के लिए कोर्ट पहुंचे यशवंत, शौरी
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राफेल मुद्दे पर 14 दिसंबर को आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की. कोर्ट ने अपने फैसले में फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली सभी जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

कांग्रेस ने उछाला ऑडियो टेप, पर्रिकर ने किया खारिज

चर्चा के दौरान राहुल गोवा के एक मंत्री का कथित ऑडियो टेप भी सदन में सुनाना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने इजाजत नहीं दी. राहुल का दावा था कि यह ऑडियो टेप गोवा के एक वरिष्ठ मंत्री का है, जिसमें पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर कह रहे हैं कि उनके घर में राफेल डील के राज से जुड़ी फाइलें मौजूद हैं. हालांकि, पर्रीकर ने कहा कि कांग्रेस तथ्यों को तोड़ने- मरोड़ने के लिए व्याकुल है.

मुझसे सिर्फ 20 मिनट बहस करें पीएम मोदी
संसद में बहस के बाद शाम में राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी से इस मामले में सिर्फ 20 मिनट बहस करना चाहता हूं. सरकार जितनी सच्चाई को छुपाने की कोशिश करती है, उतनी सच्चाई बाहर आ जाती है. सवाल यह भी है कि एक विमान की कीमत जो 526 करोड़ रुपये थी, उसे 1600 करोड़ रुपये किसने और क्यों किया है.

‘डबल ए’ कहूं
राहुल ने चर्चा के दौरान अनिल अंबानी का नाम लिया, जिसपर स्पीकर ने कहा कि आप उनका नाम नहीं ले सकते. फिर राहुल ने पूछा कि क्या मैं उन्हें ‘डबल ए’ कह सकता हूं?

राहुल कब समझदारी की बात करेंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल की समझ पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह कहते हैं राफेल की कीमत 526 करोड़ से बढ़ कर 1,600 करोड़ प्रति विमान कैसे हो गयी? बेवकूफ भी उड़ान भरने वाले एक सामान्य विमान की तुलना हथियारों से लैस जेट से नहीं करेगा. आखिर वह कब समझदार बनेंगे. यूपीए के समय भी राफेल के लिए दो तरह की कीमतों की पेशकश की गयी थी.

मिस्टर ‘क्यू’ की गोद में खेले
जेटली ने कहा कि बोफोर्स, हेराल्ड और अगस्ता मामले में गांधी परिवार का नाम है. राहुल पर तंज कसा कि बचपन में वह क्या ‘क्यू ‘ (क्वात्रोकी) की गोद में खेले थे.

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