अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण भाई तोगड़िया ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत और पर करारा हमला किया है.
जानें क्या कहा प्रवीण तोगड़िया ने –
केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता में आने के चार साल बाद तक विश्व हिंदू परिषद में थे. इस दौरानमैंने कई बैठकों में भाग लिया, लेकिन कभी भी सर संघचालक मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए नहीं कहा.
विजयादशमी के दौरान अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग को लेकर संघ और भाजपा के नेता आने शुरू हुए ताकि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनाया जा सके.
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टीवी पर इंटरव्यू प्रसारित हुआ. इसमें प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने संसद में इसके लिए कानून बनाने अथवा निर्माण के लिए अध्यादेश लाने से इनकार किया.
संघ और भाजपा दोनों मिलकर पिछले छह महीने से राम मंदिर निर्माण का माहौल बनाकर विधानसभा चुनाव में वोट पाने की कोरी कोशिश ही कर रहे थे. फिलहाल मंदिर का निर्माण का दोनों के एजेंडे में नहीं है.
मोहन भागवत पहले ही अल्पसंख्यकों के बगैर हिन्दुत्व को अधूरा बताचुके हैं. सब मिलाकर अब भाजपा और संघ दोनों हिंदू, हिंदुत्व और हिंदू आंदोलन से पीछे हट रहे हैं. उनके इस बर्ताव से देश के साधु-संत समाज और हिन्दुत्व में विश्वास रखने वाले लोग खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं.
भाजपा ने सत्ता में आने पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वादा भले किया था, लेकिन 2014 में केंद्र में और 2017 में उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद भी यह भाजपा के एजेंडे में नहीं था.
पिछले साढ़े चार साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार भी राम जन्मभूमि अयोध्या नहीं गये हैं. प्रधानमंत्री जानते थे कि अयोध्या जाने पर क्या संदेश जायेगा. चूंकि केंद्र सरकार को राम मंदिर बनाने की दिशा में कुछ नहीं करना था, इसलिए उन्होंने वहां जाने से भी परहेज किया.
प्रधानमंत्री का व्यवहार इतना साबित करने के लिए पर्याप्त है कि भाजपा को हिंदू का केवल वोट चाहिए. हिन्दुत्व को छोड़कर वह अलग हो चुकी है.
हम एक महीने के भीतर एक राजनीतिक दल बनायेंगे और आगामी लोकसभा चुनावों में लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवारों को उतारेंगे. पार्टी बनाने की तैयारियां पहले ही शुरू कर दी गयी हैं, जल्द ही पार्टी के नाम की घोषणा करेंगे.