UP के डिप्टी CM का तंज : राहुल को कुंभ में जाना चाहिए और अपने दादा की कब्र पर मोमबत्ती जलायें

गांधीनगर : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रयागराज में लगनेवाले कुंभ मेले में जाना चाहिए और दादा फिरोज गांधी की कब्र पर मोमबत्ती जलानी चाहिए. शर्मा, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को कुंभ मेले में आने का न्यौता देने यहां आये थे. यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2019 10:33 PM

गांधीनगर : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रयागराज में लगनेवाले कुंभ मेले में जाना चाहिए और दादा फिरोज गांधी की कब्र पर मोमबत्ती जलानी चाहिए. शर्मा, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को कुंभ मेले में आने का न्यौता देने यहां आये थे. यह मेला 15 जनवरी से प्रयागराज में शुरू हो रहा है.

उन्होंने कहा, मैं राहुल गांधी से आग्रह करूंगा कि वह कुंभ मेला आयें. संभवत: उनका गोत्र भी दत्तात्रेय है. उनसे यह पूछा गया था कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार विश्व के इस सबसे बड़े धार्मिक जलसे में क्या राहुल गांधी को भी बुलायेगी. शर्मा ने कहा, जो लोग कुंभ में आते हैं वह परंपराओं का पालन करते हैं. पुजारी मंत्रोच्चार करता है और मेले में अनुष्ठान करता है. इसके बाद आपको अपना जनेऊ निकालना होता है और पूर्वजों की याद में दान देना होता है. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को भी यह सब करने की सलाह दी. गौरतलब है कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी 2001 के महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए इलाहाबाद (अब प्रयागराज) गयी थीं.

शर्मा ने कहा, प्रयाग में उनके आदरणीय दादा फिरोज जहांगीर खान ऊर्फ गांधी की कब्र है. मैं उनसे आग्रह करूंगा कि उन्हें वहां जाना चाहिए. भाजपा नेता ने कहा, वह (राहुल) उस स्थान पर कभी नहीं गये हैं. उन्हें कब्र पर जाना चाहिए और वहां एक मोमबत्ती जलानी चाहिए. इससे उन्हे शांति मिलेगी. लोकसभा के सदस्य रह चुके फिरोज गांधी को इलाहाबाद में पारसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था. भाजपा सरकार ने अब इसका नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है. राजस्थान के पुष्कर स्थित एक मंदिर में पिछले साल 26 नवंबर को राहुल गांधी को पूजा करानेवाले एक पुजारी ने दावा किया था कि कांग्रेस अध्यक्ष एक कश्मीरी पंडित हैं और उनका गोत्र दत्तात्रेय है. इसके बाद राहुल गांधी के पूर्वजों को चर्चा में ला दिया क्योंकि उनके दादा फिरोज गांधी पारसी समुदाय के थे.

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