कोई वार्ता नहीं, तेज होगी नक्सलियों के खिलाफ जंग:रमन
नयी दिल्ली: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नक्सलियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत के विकल्प को नकारते हुए सोमवार को कहा कि आगामी दिनों में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई और तेज की जाएगी. सिंह ने यहां से कहा, ‘‘ राज्य में हाल ही में हुए नक्सली हमले के बाद वार्ता का कोई […]
नयी दिल्ली: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नक्सलियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत के विकल्प को नकारते हुए सोमवार को कहा कि आगामी दिनों में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई और तेज की जाएगी.
सिंह ने यहां से कहा, ‘‘ राज्य में हाल ही में हुए नक्सली हमले के बाद वार्ता का कोई विकल्प नहीं बचता. कोई बातचीत नहीं होगी. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई और तेज की जाएगी.’’
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ सरकार आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) और मानवरहित विमानों (यूएवी) का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की मदद लेने समेत किसी भी प्रकार की तकनीकी मदद के लिए केंद्र के साथ समन्वय स्थापित करेगी.
आंतरिक सुरक्षा पर आज होने वाले एकदिवसीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए सिंह ने कहा, ‘‘ हमें जो भी तकनीकी सहयोग चाहिए, हम वह केंद्र से लेंगे.’’ उन्होंने बस्तर में 25 मई को हुए माओवादियों के हमले को निराशा में उठाया गया कदम करार देते हुए कहा कि राज्य सरकार नक्सलियों की धमकियों के बावजूद विकास कार्य जारी रखेगी. रमन ने कहा, ‘‘ माओवादी विकास के खिलाफ हैं. हालिया हमला दर्शाता है कि यह चर्चा में आने के लिए निराशा में उठाया गया कदम था. सरकार इस प्रकार की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए समुचित कड़े कदम उठाएगी.’’ भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री ने नक्सली हमले के मामले में केंद्र या राज्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ‘खुफिया स्तर पर किसी भी प्रकार की विफलता’ से इनकार किया. इस हमले में नक्सलियों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा, राज्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और उनके पुत्र दिनेश समेत 27 लोगों की हत्या कर दी थी. हमले में घायल हुए पूर्व केंद्रीय वी सी शुक्ल का अभी भी गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा ‘खुफिया सूचनाएं मिलती हैं लेकिन हमले के बारे में कोई विशेष अलर्ट नहीं मिला था. सिंह ने राजनीतिक दलों से इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करने और नक्सलवाद के खतरे के खिलाफ जंग में उनका साथ देने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘ नक्सलवाद केवल एक राज्य की समस्या नहीं है. यह देश की समस्या है. सभी को इसके खिलाफ एकजुट होना चाहिए.’’सिंह ने कहा कि सुरक्षा में हुई किसी की प्रकार की चूक का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पहले ही हमले की जांच उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश से कराने के आदेश दे दिए हैं. वह 90 दिनों में अपनी रिपोर्ट दे देंगे.’’ केंद्र ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से हमले की जांच कराने के आदेश पहले ही दे चुका है. सिंह ने राज्य सरकार के सुरक्षा इंतजामों में खामी के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस की ‘परिवर्तन रैली’ के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे और पुलिस एवं सुरक्षा बल के जवानों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की गई थी. उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सेना को शामिल किए जाने के विचार को खारिज करते हुए कहा , ‘‘ सेना की जरुरत नहीं है क्योंकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है. नक्सलियों का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा बल हैं.’’ यह पूछने पर कि क्या इस हमले का असर इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास जनता का समर्थन है. उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी सरकार का गठन सड़कें या इमारतें बनाने के वादों के कारण नहीं हुआ है. मेरी सरकार का आधार लोगों का विश्वास है. मेरे साथ लोगों का समर्थन है. ’’ सिंह कल होने वाले मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में नक्सलवाद का मुकाबला करने के बारे में अपने सुझाव देंगे. इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे.