यूजीसी ने डीयू को दिया निर्देश, चार वर्षीय पाठ्यक्रम में न लें दाखिला
नयी दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आज अपना रुख कडा करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और उसके अधीनस्थ कालेजों से केवल तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत दाखिला लेने को कहा और चार वर्षीय स्नातक के तहत दाखिले लेने से मना किया अन्यथा परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने चार […]
नयी दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आज अपना रुख कडा करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और उसके अधीनस्थ कालेजों से केवल तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत दाखिला लेने को कहा और चार वर्षीय स्नातक के तहत दाखिले लेने से मना किया अन्यथा परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) के बारे में छात्रों को आज सूचित किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ( डीयू) की ओर से पेश यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति, डीयू के तहत निर्धारित ढांचे और दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुरूप नहीं है और वे केवल तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में ही दाखिला लें.
आयोग ने आज जारी सार्वजनिक सूचना में कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय में 2013 -14 शैक्षणिक सत्र से पेश चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 और इसके तहत निर्धारित 10 प्लस 2 प्लस 3 ढांचे के अनुरुप नहीं है. इसे लागू करते समय दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम 1922 के तहत निर्धारित मापदंडों को पूरा नहींं किया गया है.
आयोग के अध्यक्ष की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि छात्रों के व्यापक हितों और किसी तरह की कठिनाई से उन्हें बचाने को ध्यान में रखते हुए आयोग ने 20 जून 2014 और 22 जून 2014 को आदेश दिया कि शैक्षणिक सत्र 2014-15 में डीयू के कॉलेजों में तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत ही दाखिला लिया जाना चाहिए. इस आदेश का पालन नहीं करने पर डीयू और कालेजों को परिणाम भुगतना होगा.
आयोग ने कहा, छात्रों को सूचित किया जाता है कि वे तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत ही डीयू में दाखिला लें जो एफवाईयूपी से पहले जारी थी और तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए ही शुल्क का भुगतान करें.
यूजीसी का निर्देश आगामी शैक्षणिक सत्र के संदर्भ में तब आया है जब दिल्ली विश्वविद्यालय ने असहमति का नोट जारी किया और चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम से जुडे विवादास्पद निर्देश को खारिज कर दिया था.
आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘ किसी भी परिस्थिति में दिल्ली विश्वविद्यालय या किसी कालेज को 2014.15 में एफवाईयूपी के तहत छात्रों का दाखिला नहीं लेना चाहिए.’’बयान के अनुसार, ‘‘ डीयू या किसी कालेज के निर्देश का पालन नहीं करने को यूजीसी अधिनियम 1956 का उल्लंघन माना जायेगा और इसका परिणाम भुगतना होगा.’’ अधिकारियों ने कहा कि यूजीसी के निर्देश का उल्लंघन करने पर डीयू को परेशानी का सामना करना पड सकता है क्योंकि उसे अनुदान और प्रदान की गई डिग्री की मान्यता समाप्त की जा सकती है.
यूजीसी ने कहा कि वह सुनिश्चित करेगा कि जिन छात्रों ने 2013.14 में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत दाखिला लिया है वे तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में वापस आ सकें. दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला केवल तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत लिया जाना चाहिए.
आयोग ने निर्देश का पालन करने के लिए शिक्षकों, छात्रों और विधिक निकाय का प्रतिनिधित्व वाली 10 सदस्यीय समिति का गठन करने का निर्णय किया जो इसे लागू करने में डीयू को सुझाव देगा.समिति में आयोग के उपाध्यक्ष, डूटा के अध्यक्ष और छात्र संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.