नयी दिल्ली : लोकसभा में सोमवार को भाजपा के एक सदस्य ने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को आरक्षण के प्रावधान और सामान्य निर्धन वर्ग आयोग के गठन की मांग की. वहीं, अकाली दल के एक सदस्य ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को ‘नरसंहार’ घोषित किये जाने की मांग की. सदन में शून्यकाल में अन्य सदस्यों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण विषय उठाये.
भाजपा के चिंतामण मालवीय ने शून्यकाल में मांग उठायी कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए और देश में एक सामान्य निर्धन वर्ग आयोग का गठन किया जाना चाहिए. शिरोमणि अकाली दल के प्रेमसिंह चंदूमाजरा ने कहा कि पहली बार अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को ‘नरसंहार’ कहा था. सरकार को उन दंगों को नरसंहार घोषित कर देना चाहिए.
गौरतलब है कि दिल्ली हाइकोर्ट ने पिछले दिनों एक फैसले में कहा था कि 1984 के दंगों में दिल्ली में 2700 से अधिक सिख मारे गये थे, जो निश्चित ही ‘अकल्पनीय पैमाने का नरसंहार’ था.
शून्यकाल में ही बीजू जनता दल के बी महताब ने अप्रैल, 2015 के बाद से कोयले पर रॉयल्टी में बदलाव नहीं किये जाने की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया. शिवसेना के शिवाजी ए पाटील ने महाराष्ट्र में प्याज उत्पादक किसानों की समस्या उठायी, तो भाजपा की प्रीतम मुंडे ने राज्य में चीनी उद्योग के संकट पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया.
भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार दिव्यांगों को पेंशन देने के लिए सांसदों के फॉर्म खारिज कर रही है और उन्होंने मांग की कि इस संबंध में केंद्र सरकार को दिल्ली की सरकार को कड़ा संदेश देना चाहिए.
शून्यकाल में तेलंगाना राष्ट्र समिति के एपी जितेंद्र रेड्डी, इसी पार्टी के पी दयाकर, भाजपा के अजय मिश्रा, माकपा के बदरुद्दोजा खान, भाजपा के रवींद्र पांडेय, इसी पार्टी के लक्ष्मी यादव तथा रमा देवी और बीजद के प्रभास के सिंह ने भी अपने अपने क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण विषय उठाये.
इस दौरान सदन में सपा के सदस्य उत्तर प्रदेश में सीबीआइ की हालिया कार्रवाई की पृष्ठभूमि में एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. कांग्रेस के सदस्य राफेल सौदे में जेपीसी के गठन की जांच की मांग करते हुए हंगामा कर रहे थे. लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही शून्यकाल चलाया.