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ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: डॉ विनोद

नयी दिल्ली : हमारे देश में आज भी स्वास्थ्य सेवाएं गरीब और ग्रामीण लोगों को सहजता से उपलब्ध नहीं है, हालांकि पिछले एक दशक में भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार हुआ है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में. 2016 में जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति बनी जिसे आयुष्मान भारत के नाम से जाना जाता है के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2019 5:33 PM


नयी दिल्ली :
हमारे देश में आज भी स्वास्थ्य सेवाएं गरीब और ग्रामीण लोगों को सहजता से उपलब्ध नहीं है, हालांकि पिछले एक दशक में भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार हुआ है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में. 2016 में जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति बनी जिसे आयुष्मान भारत के नाम से जाना जाता है के आने से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की संभावनाएं काफी बढ़ गयीं हैं. इसके लिए वार्षिक बजट में भी अलग से व्यवस्था की गयी है और राज्य सरकारें भी इन योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही हैं.

उक्त बातें नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद पॉल ने 15वीं वर्ल्ड रूरल हेल्थ कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में शुरू किए गए हेल्थ केयर मिशन के लिए जो राजनीतिक प्रतिबद्धता है, उसे रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बजट पहले से काफी बढ़ाया गया है.

उभरकर सामने आयीं, जिसका आयोजन अकेडमी ऑप फैमिली फिजिशियन ऑफ इंडिया ने वुनका रूरल हेल्थ (वर्ल्ड आर्गेनाइज़ेशन ऑफ फैमिली डॉक्टर्स) के साथ किया गया था. 40 देशों के सौ से अधिक डॉक्टरों ने इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया. उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने इस कॉन्फ्रेंस का उद्‌घाटन किया था. कईं जाने-माने स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न आयामों पर अपने विचार रखें. कॉन्फ्रेंस का थीम, “हीलिंग दी हार्ट ऑफ हेल्थकेयर-लीविंग नो वन बिहाइंड” था.

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