ट्रांसजेंडर अप्सरा रेड्डी बनीं महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव, राहुल गांधी ने दिलायी सदस्यता

नयी दिल्ली : पहले भाजपा और एआईएडीएमके की सदस्य रह चुकीं ट्रांसजेंडर अप्सरा रेड्डी को महिला कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनायागया है.पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षराहुलकी माैजूदगीमेंअप्सरा को पार्टी की सदस्यता दिलायी गयी. चेन्नई की रहनेवाली अप्सरा रेड्डी ने आॅस्ट्रेलिया और लंदन से पत्रकारिता की पढ़ाई की है. अप्सरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पत्रिकाओं के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2019 10:52 PM

नयी दिल्ली : पहले भाजपा और एआईएडीएमके की सदस्य रह चुकीं ट्रांसजेंडर अप्सरा रेड्डी को महिला कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनायागया है.पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षराहुलकी माैजूदगीमेंअप्सरा को पार्टी की सदस्यता दिलायी गयी. चेन्नई की रहनेवाली अप्सरा रेड्डी ने आॅस्ट्रेलिया और लंदन से पत्रकारिता की पढ़ाई की है. अप्सरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पत्रिकाओं के साथ काम कर चुकी हैं.

राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अप्सरा ने कहा, कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसने भारत का निर्माण किया और हमें अच्छी नीति और शासन में एक संवेदनशील और समावेशी दृष्टिकोणवाली पीढ़ियों के लिए कायम रखा. राहुल गांधी का महिलाओं के निष्पक्ष प्रतिनिधित्व, महिला-केंद्रित घोषणापत्र और गतिशीलता के प्रति प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है और मुझे उनके नेतृत्व में देश भर में महिलाओं की सेवा करने में खुशी होगी.

महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव बनाये जाने पर अप्सरा ने कहा, मैंने अपनी पूरी जिंदगी में यही देखा है कि ट्रांसजेंडर महिलाओं से कहा जाता है कि वे कुछ नहीं कर पायेंगी. ऐसे में भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी पार्टी में शामिल होना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है. अप्सरा तमिलनाडु में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही महिलाओं के मुद्दों पर भी मुखर रहती हैं.

लड़के के तौर पर जन्म लेनेवाली अप्सरा ने बाद में अपना जेंडर चेंज करा लिया था. 2016 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी. कुछ दिन बाद ही पार्टी में स्वतंत्र विचारों के लिए जगह नहीं होने की बात कह कर उन्होंने पार्टी छोड़ दी.बादमें उन्होंने तमिलनाडु कीमुख्यमंत्रीदिवंगत जयललिता से प्रभावित होकर एआईएडीएमके की सदस्यता ग्रहण की. बाद में उन्हें पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया. जयललिता की मौत के बाद पार्टी में जारी घमसान की वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

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