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#QuotaBill : गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल राज्‍यसभा से भी पास, पक्ष में 165 वोट

* गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल राज्‍यसभा से भी पास, पक्ष में 165 वोट. जबकि विपक्ष में केवल 7 वोट पड़े. * बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजे जाने को लेकर हुए वोटिंग में हां में 18, नहीं में 155 वोटिंग हुए. * 10 प्रतिशत आरक्षण पर राज्‍यसभा में वोटिंग […]

* गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल राज्‍यसभा से भी पास, पक्ष में 165 वोट. जबकि विपक्ष में केवल 7 वोट पड़े.

* बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजे जाने को लेकर हुए वोटिंग में हां में 18, नहीं में 155 वोटिंग हुए.

* 10 प्रतिशत आरक्षण पर राज्‍यसभा में वोटिंग शुरू.

* केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने ‘संविधान (124 वां संशोधन) , 2019′ विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि यह विधेयक अमीरी और गरीबी की खाई को कम करेगा. इससे लाखों परिवारों को फायदा मिलेगा. इससे सबको फायदा होगा चाहे वह किसी वर्ग या धर्म के हों. उन्होंने विधेयक को नरेन्द्र मोदी सरकार के लक्ष्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ की दिशा में अहम कदम करार दिया.
चर्चा का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि बहुत सारे सदस्यों ने आशंका जताई है कि 50 फीसदी आरक्षण की सीमा है तो यह कैसे होगा? जो पहले के फैसले किये गये वो संवैधानिक प्रावधान के बिना हुए थे. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीति और नीयत अच्छी है. इसलिए संविधान में प्रावधान करने के बाद हम आरक्षण देने का काम करेंगे.

* कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने सरकार पर सवाल उठाया और पूछा, बिल को जेपीसी और सिलेक्ट कमिटी के पास क्यों नहीं भेजा गया, अगर जूडिशल कमिटी के पास यह मामला गया तो आप क्या करेंगे.
उन्‍होंने मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा, बिल के माध्‍यम से चुनावों की वजह से ही एक वर्ग को साधने की कोशिश की गयी है. उन्‍होंने सरकार से पूछा, 50 फीसदी की सीमा से कैसे निपटा जाएगा यह साफ किया जाना चाहिए.

* बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा, बीएसपी अध्यक्ष मायावती कई बार कह चुकी हैं कि सवर्ण वर्ग के गरीबों को आरक्षण मिलना चाहिए, इसलिए हम इस बिल का समर्थन करते हैं. बिल का समर्थन करने के बाद बीएसपी सांसद ने सरकार पर सवाल उठाया. उन्‍होंने कहा, नौकरियां हैं नहीं, पहले से आरक्षित श्रेणी के लोगों को नौकरी अब दे नहीं रहे हैं. अब इस नये आरक्षण वर्ग को ‘करोड़ों’ नौकरियां कहां से देंगे. सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, कानून केवल छलावे को तौर पर चुनाव की वजह से आखिरी वक्त पर लाया गया है.

* केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, आज जब बिना किसी कोटा में छेड़छाड़ किए ऊंची जाति के गरीब लोगों को आरक्षण दिया जा रहा है तो कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा.

* केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, पहले 50% तक की आरक्षण की सीमा थी, लेकिन संवैधानिक संशोधन के बाद यह सीमा खत्म हो जाएगी. अब कोर्ट में इसके संवैधानिक होने की वजह दिक्कत नहीं आएगी.

* कपिल सिब्‍बल ने कहा, हम चाहते थे कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाता और तब चर्चा होती. उसके बाद पारित किया जाता. एक तरफ 2.5 लाख कमाने वाले को इनकम टैक्स देना पड़ता है और दूसरी ओर आप 8 लाख कमाने वाले को गरीब बता रहे हैं. आप इनकम टैक्स लिमिट को भी 8 लाख कर दीजिए.

* कांग्रेस सांसद कपिल सिब्‍बल ने आरक्षण बिल पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया और कहा, आरक्षण बिल लाने से पहले आपने कोई डेटा जमा किया. राज्‍यों में ओबीसी, अन्य जातियों का प्रतिशत क्या है. उन्‍होंने कहा, सरकार हमें बताये कि क्या इस पर कोई रिपोर्ट बनी, 8 लाख का मापदंड कैसे तय किया गया.
उन्‍होंने बिल को देर से लाने पर भी सरकार को घेरा और कहा, बिल को सरकार चुनावी नफा नुकसान के हिसाब से लाया. जब लोगों के पास सरकारी नौकरियां ही नहीं है तो 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण किसलिए. उन्‍होंने कहा, सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है. जितनी नयी नौकरियां मिली हैं, उससे ज्यादा नौकरियां छीनी गई हैं.

* कांग्रेस सांसद कपिल सिब्‍बल ने आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कहा, आप गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत का अरक्षण देना चाहते हैं, लेकिन क्‍या आपने आंकड़ा जुटाया है. बिना कोई आंकड़े के आप एक दिन में सब कर लेना चाहते हैं. संविधान में संशोधन आप करने जा रहे हैं और आप चाहते हैं इसे एक दिन कर लिया जाए.

* रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा, कांग्रेस ने क्यों अगड़ी जातियों को आरक्षण नहीं दिया. अब हम दे रहे हैं तो आप सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, यह संविधान के मौलिक अधिकार में परिवर्तन है और यह केंद्र ही नहीं बल्कि राज्य सरकार की नौकरी में भी लागू होता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, आपको समर्थन करना है तो खुलकर करिये. प्रसाद ने कहा, मोदी सरकार में हिम्मत है कि वो गरीबों के हर वर्ग की चिंता करती है. बिल देरी से लाने के आरोपों पर कानून मंत्री ने जवाब दिया कहा, क्रिकेट में छक्का स्लॉग ओवरों में ही लगते हैं और यह पहला छक्का नहीं है अभी विकास और बदलाव के लिए और भी छक्के लगेंगे.

* जातिगत आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी की सीमा तय की है आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए कोई सीमा नहीं है. मौजूदा एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण में किसी तरह की कोई फेरबदल नहीं की गई है, वो जस का तस रहेंगे. रविशंकार प्रसाद ने कहा, संविधान में आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्ण जातियों को आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है.

* रविशंकर प्रसाद ने राज्‍यसभा में बताया कि संविधान संशोधन में केंद्र सरकार की ओर से गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा और गरीब निर्धारित करने की राशि 8 लाख रुपये होगी, लेकिन राशि के मामले में य‍ह राज्‍यों के पास अधिकार होगा कि वे इसे कम भी कर सकते हैं या 8 लाख भी रख सकते हैं.

* रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आरक्षण बिल का सभी पार्टियों ने स्‍वागत किया है इसके लिए मैं आभारी हूं. उन्‍होंने कहा, संविधान बदलने के लिए दोनों सदनों की क्षमता पर क्यों संदेह किया जा रहा है.
रविशंकर प्रसाद ने बिल पर चर्चा के दौरान संविधान का उल्‍लेख किया और आरक्षण की व्‍याख्या किया. संविधान में 50 फीसदी आरक्षण की सीमा का जिक्र नहीं. आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर बनाए कमिशन ने 2010 में रिपोर्ट सौंपी, कांग्रेस ने उस समय इसपर कुछ फैसला क्यों नहीं लिया. सर्वणों में भी गरीबी है अगर हमारी सरकार ने उनके लिए सोचा तो इसमें दोष क्‍या है.

– डीएमके की नेता कनिमोझी ने कहा कि हम बिल का विरोध करते हैं, क्योंकि देशमेंसामाजिक असमानता है. आज भी देश मेंजाति आधारित भेदभाव कायम है. ऐसे में आर्थिक आधार पर रिजर्वेशन का कोई मतलब नहींहै.

-शिवसेना के अनिल देसाई ने कहा कि सरकार ने बिल लाने मेंबहुत देेरी कर दी, हालांकि यह बिल बहुत अच्छा है. इससे गरीब वर्ग के लोगोंको लाभ मिलेगा.

– RJD के सांसद मनोज झा ने कहा कि देशमें जातिव्यवस्था बहुत खतरनाक स्थिति मेंहै, सरकार का यह 10 प्रतिशत आरक्षण का फैसला जातिगत आरक्षण के फैसले को खत्म करने की कोशिश है, इसलिए राजद बिल का विरोध करता है

-टीडीपी के वाईएस चौधरी ने कहा कि बिल अच्छा है, पर जिस तरह से सत्र के अंतिम दिन बिल को लाया गया वह सरकार के मंशे पर सवाल खड़े करता है.

– जदयू के रामचंद्र प्रसाद सिंह ने बिल की तारीफ की, कहा गरीबों को मिलेगा न्याय, सामाजिक समानता आयेगी

-बीजू जनता दल के प्रसन्न आचार्य ने बिल लाने के लिए सरकार की प्रशंसा की, कहा गरीब तो हर जाति के लोग हैं. आरक्षण की व्यवस्था हमारे देश मेंहमेशा से है. इसलिए आज बाबा साहेब की याद आ रही है.

-तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने कहा, आज देश में कानून बनाने का तरीका बदल गया है.सरकार ने बिल को जिस तरीके से लाया गया है वह बिलकुल गलत है और हमें इसपर आपत्ति है. सरकार की नीतियां जनता विरोधी हैं और इनसे नुकसान हो रहा है.

-आज देशमेंनौकरी की कमी है, ऐसे में आरक्षण का बहुत फायदा नहींमिल पायेगा– रामगोपाल यादव

-आरक्षण के बावजूद एससी-एसटी और ओबीसी को अबतक नहींमिला उनका हक– रामगोपाल यादव

– रामगोपाल यादव ने कहा कि 10 प्रतिशत आरक्षण का जो मानक तय किया गया है उसमें लगभग 98 प्रतिशत सामान्य कोटि के लोग आ जायेंगे, जिन्हें10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, यानी कि जो दो प्रतिशत सामान्य कोर्ट के लोग हैं उन्हें 40 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, इससे आम लोगोंको फायदा नहीं होगा.

-सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल ने कहा, आबादी के अनुसार दिया जाये आरक्षण-

– समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि हमारे देशमें सामाजिक समानता आज भी कायम नहीं हो पायी है. देश में स्थिति ऐसी है कि उत्तर प्रदेशके सीएम आवास को भी धोया गया था.

-कांग्रेस ने बिल को सामाजिक न्याय का पक्षधर बताया, समर्थन में बोले आनंद शर्मा-

-आगे शर्मा ने कहा कि सैंकड़ों सालों के अन्याय को महज कुछ दशकों में बराबर नहीं किया जा सकता है. देश के पिछड़े और अनूसचित जाति और जनजाति के साथ बहुत समय तक अन्याय होता रहा है. पिछड़े और कमजोर लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया. उससे हटकर जब आरक्षण में बदलाव करने का प्रयास किया गया तो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया. जब संविधान का संशोधन आता है तो यह सोचकर होता है कि जिसके लिए यह किया जा रहा है उनको इसका तुरंत लाभ मिले. उन्होंने कहा कि मुझे यह नहीं समझ आ रहा है कि साढ़े चार साल बीत जाने के बाद आखिरी सत्र में आप इस संशोधन को लेकर क्यों आए हैं. इसका अर्थ साफ है कि तीन राज्यों में चुनाव में हार के बाद आपको समझ आयी है.

-कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार का कहना है कि सामान्य वर्ग के गरीबों को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए. लेकिन इसके लिए हमें आरक्षण की शुरूआत को समझना चाहिए. आरक्षण उनके लिए लाया गया था जिनके साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ, जिनके साथ सामाजिक अन्याय हुआ. उनके संरक्षण के तौर पर आरक्षण लाने का काम किया गया था.

-प्रभात झा ने आगे कहा कि हर पार्टी के घोषणापत्र में सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने की बात कही गयी है. मोदी जी ने सभी दलों के घोषणापत्र को पूरा करने का काम किया है. पिछले 70 सालों में सामान्य वर्ग के गरीबों की भावनाओं की कद्र मोदी जी ने करने का काम किया. सभी लोगों को उनका साथ देना चाहिए. यदि आप साथ देते हैं तो यह मोदी जी का साथ नहीं बल्कि देश के युवाओं का साथ देना होगा. उन्होंने कहा कि विचारधारा के नाम पर विरोध तो हमेशा देखने को मिलेगा. लेकिन लोगों के विकास के लिए तो सबको एक साथ आना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि सदन के मेरे सभी साथी इस भावना को समझेंगे और हमारा साथ देंगे.

-भाजपा सांसद प्रभात झा ने कहा कि मोदी जी की सरकार ने पहली बार देश के अगड़ों की चिंता करने का काम किया है जो यह साबित करता है कि मोदी जी सबका साथ सबका विकास का पालन करते हैं. यह सरकार बीते 4.5 सालों से गरीबों के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सिर्फ विरोध के लिए विरोध न किया जाए. राहुल गांधी सिर्फ राफेल-राफेल करते हैं, आखिर क्यों नहीं वह इस विधेयक पर सदन में आकर बोलते हैं. प्रभात झा के द्वारा राहुल गांधी का जिक्र होते ही कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि सदन का नियम है कि जो व्यक्ति सदन का सदस्य न हो उसका जिक्र न किया जाए. मैं चाहता हूं कि राज्यसभा की कार्यवाही से राहुल गांधी के जिक्र को हटाया जाए.

-गृहमंत्री के बयान के बाद भाजपा सांसद विजय गोयल ने कहा कि सदन के कुछ सदस्यों की मांग पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल पर अपनी बात रख दी है. यदि सदस्य चाहेंगे तो वे इससे जुड़े हर सवालों का जवाब भी देंगे.

-राजनाथ सिंह ने कहा कि असम में रहने वाले लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई तरह की नीतियां लायी जा रही है. हम नॉर्थ ईस्ट के प्रत्येक राज्य के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए हम वहां के हर राज्य से बराबर संपर्क में हैं. उनके भले के लिए जो भी कदम उठाने होंगे सरकार उठाएगी.

-राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे दोबारा शुरू हो चुकी है. उपसभापति हरिवंश कार्यवाही का संचालन कर रहे हैं. सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल पर राज्यसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह सरकार का पक्ष रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी एक राज्य या क्षेत्र के लिए नहीं है। यह देश के हर हिस्से में रहने वाले शरणार्थियों पर लागू होता है. सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लोकसभा में पेश होने के बाद नॉर्थ ईस्ट के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आयीं. हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सरकार नॉर्थ ईस्ट को लेकर काफी संवेदनशील है और वहां की हर गतिविधि पर हमारी पूरी नजर है. गृहमंत्री के बयान के बाद आरक्षण बिल पर चर्चा होगी. इस बिल को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्‍यमंत्रियों से गृहमंत्री राजनाथ सिंह मिलेंगे. इस बिल पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि देश में रहने वाले किसी भी शरणार्थी के साथ कुछ गलत न हो. इसी उद्देश्य के साथ ही हम यह विधेयक लाये हैं. हम इसको लेकर असम या किसी भी राज्य जहां शरणार्थियों से संबंधित समस्याएं हैं, के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक भी करेंगे.

-सदन में लगातार हंगामा जारी था और विपक्षी सांसद नारेबाजी कर रहे थे. हंगामे के कारण उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

-मध्य प्रदेश से भाजपा सांसद प्रभात झा ने बिल को लेकर कहा कि यह बिल एक ऐतिहासिक बिल है. हमारे समय में लोग कहते थे कि कब सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण दिया जाएगा? लेकिन हमारे नेता नरेंद्र मोदी ने लोगों की भावनाओं को समझा. कांग्रेस ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया लेकिन राज्यसभा में इसका विरोध करके दोहरा आचरण अपना रही है.

-राजद सांसद मनोज झा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे मध्यरात्रि की डकैती तक कह डाला है. उन्होंने सदन में कहा कि इस बिल से ओबीसी वर्ग के लोगों के आरक्षण को खाने की कोशिश हो रही है.

-राज्यसभा में सामान्य वर्ग आरक्षण बिल पेश किया जा चुका है. सदस्य अपनी-अपनी राय रख रहे हैं. विपक्षी दलों के सदस्य अलग-अलग मुद्दों पर जोरदार हंगामा कर रहे हैं. कुछ सदस्य बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग कर रहे हैं.

-सदन में कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का विरोध नहीं कर रही है. हम चाहते हैं कि जो भी नियम के अनुसार हो. यदि कोई सदस्य सभापति से कोई सवाल उठाता है तो उसे इसका अधिकार है. भाजपा लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है. इस बिल के द्वारा बीजेपी का सीधा प्रयास राजनीति करना है.

-कांग्रेस के सांसद मधूसूदन मिस्त्री ने जनरल कोटा बिल पर प्रश्‍न उठाया. उन्होंने कहा कि बिल अधूरा है. इस बिल पर इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रही है मोदी सरकार है, यह बताए… भाजपा सांसद विजय गोयल ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी सांसद जानबूझकर इस बिल को रोकने के लिए हंगामा करने का काम कर रही है. सदन का वक्त खराब कर कांग्रेस अप्रत्यक्ष रूप से इसका विरोध कर रही है. मुझे लगता है कि बिल पेश हो चुका है इसलिए सदन में इस पर चर्चा होनी चाहिए.

-राज्यसभा में सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर भी हंगामा जारी था जिस पर सभापति ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि दोपहर 2 बजे गृह मंत्री सदन में आकर इस पर बयान दे सकते हैं.

-सामान्य वर्ग आरक्षण बिल राज्यसभा में पेश करने के बाद जोरदार हंगामा होने लगा. सदन में इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग उठी. हंगामे के बीच थावरचंद्र बिल की खूबियां बता रहे हैं. थावरचंद गहलोत ने बिल को सदन में पेश करते हुए कहा कि सरकार इस बिल को अच्छे मकसद से लेकर आयी है. यह एक ऐतिहासिक बिल है. यह बिल लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का काम करेगा. 124वें संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा में पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत लोगों को आर्थिक आधार पर शिक्षा और रोजगार में आरक्षण मिलेगा. इसमें आरक्षण का प्रावधान कुल स्थानों का महज 10 प्रतिशत होगा. थावरचंद गहलोत ने कहा कि हमने आरक्षण के इस प्रावधान को संविधान में संशोधन करके प्रस्तुत किया है जिस वजह से इसके रास्ते में किसी भी तरह की कानूनी अड़चन आने की संभावना नहीं है.

-124वें संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जा चुका है. केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने इसे सदन में पेश किया.

-गरीब सवर्ण आरक्षण बिल राज्यसभा में पेश कर दिया गया है. दो बजे चर्चा शुरू हो सकती है.

-राज्यसभा में जनरल कोटा बिल से पहले सत्र बढ़ाने और अन्य मुद्दों पर जोरदार हंगामा जारी है. खबरों की मानें तो बिल को 12 बजे पेश किया जाएगा. सरकार के लिए बिल पास कराना बड़ी चुनौती बनी हुई है. सरकार को मौजूदा सदस्यों में से दो-तिहाई का समर्थन पाना होगा. राज्यसभा में 246 सदस्य हैं और यदि सभी सदस्य वोटिंग में हिस्सा लेते हैं तो बिल पास होने के लिए 164 वोटों की आवश्‍यकता होगी. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के अनुरोध के बाद भी सदन में हंगामा जारी है. विपक्ष के सांसद लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. हंगामा नहीं थमा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

-अरुण जेटली ने कहा कि देश उम्मीद भरी नजरों से देखता है कि सदन कार्य करेगा. सामान्य कामकाजी दिनों के अनुसार हमें काम करना चाहिए था, लेकिन उनमें से अधिकांश दिन सदन स्थगित करना पड़ा. महत्वपूर्ण बिलों पर विचार करने के लिए एक अतिरिक्त दिन बढ़ाया गया है.

-फिलहाल सभापति के अनुमति से उठाये गये मामलों पर सदन में चर्चा जारी है लेकिन राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन बढ़ाने के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों का हंगामा जारी है.

-नेता सदन अरुण जेटली ने कहा कि सामान्य दिनों में अक्सर सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित होती रही है, ऐसे में एक दिन के लिए कार्यवाही बढ़ाकर जरूरी कामों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. इधर , राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन बढ़ाने के मुद्दे पर विपक्षी सांसद हंगामा कर रहे हैं. कई सदस्य अपनी सीट से उठकर उपसभापति की सीट के सामने आ गए और नारेबाजी करने लगे हैं.

-कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से सदन चलाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. बाहर जाकर वे विपक्ष पर आरोप लगाते हैं कि विपक्ष सदन नहीं चलने देता. हमने राफेल पर चर्चा के लिए भी कई बार नोटिस दिया. शर्मा ने आरोप लगाया कि आरोप लगाया कि वे अपनी मर्जी से बिल को पारित कराने के लिए इस सदन को रबर स्टैम्प की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. सदन को नियमानुसार नहीं चलाया जा रहा है. पूर्वोत्तर के राज्य जल रहे हैं लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, वे बस अपनी मर्जी चलाना चाह रहे हैं.

-भाजपा सांसद विजय गोयल ने सरकार की ओर से जवाब दिया और कहा कि सदन की चिंता इस बात पर होनी चाहिए कि सदन की कार्यवाही बीते 10 दिन से बाधित हो रही है. यदि सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाई गयी है तो नियम 266 के तहत सरकार को इसका अधिकार है. कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाया गया क्योंकि कई सारे महत्वपूर्ण बिल पास होने हैं.

-राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. सदन की कार्यवाही का संचालन उपसभापति हरिवंश कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल से AICT के सांसद सुखेन्दु शेखर राय ने राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बिना बताए बढ़ाने का मुद्दा उठाया है. उनकी मांग के बाद सदन में हंगामा होने लगा.

-राज्यसभा में आज पेश होने वाले बिलों के मद्देनजर संसद परिसर में बैठक करते विपक्षी पार्टियों के नेता.

-राज्यसभा में 12 बजे पेश किया जाएगा विधेयक. 2 बजे से हो सकती है चर्चा.

-सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को तीन के मुकाबले 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गयी. अब बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जायेगा. लोकसभा में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने 124वां संविधान संशोधन विधेयक, 2019 का समर्थन किया.

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