इस महीने निष्प्रभावी हो जायेगा तीन तलाक अध्यादेश, फिर हो सकता है लागू

नयी दिल्ली : एक बार में तीन तलाक की परंपरा को दंडनीय अपराध घोषित करनेवाला तीन तलाक अध्यादेश इस महीने निष्प्रभावी हो जायेगा क्योंकि इसे कानून में तब्दील करनेवाला विधेयक राज्यसभा में अटक गया. सरकार के सूत्रों ने कहा कि अध्यादेश फिर से लागू किया जायेगा, लेकिन इसके समय को लेकर अभी यह निर्णय नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2019 7:12 PM

नयी दिल्ली : एक बार में तीन तलाक की परंपरा को दंडनीय अपराध घोषित करनेवाला तीन तलाक अध्यादेश इस महीने निष्प्रभावी हो जायेगा क्योंकि इसे कानून में तब्दील करनेवाला विधेयक राज्यसभा में अटक गया.

सरकार के सूत्रों ने कहा कि अध्यादेश फिर से लागू किया जायेगा, लेकिन इसके समय को लेकर अभी यह निर्णय नहीं हुआ है. एक अध्यादेश की समयावधि छह महीने की होती है. लेकिन कोई सत्र शुरू होने पर इसे विधेयक के तौर पर संसद से 42 दिन (छह सप्ताह) के भीतर पारित कराना होता है, वरना यह अध्यादेश निष्प्रभावी हो जाता है. अगर, विधेयक संसद में पारित नहीं हो पाता है तो सरकार अध्यादेश फिर से ला सकती है. सूत्रों ने कहा कि अध्यादेश पिछले साल 11 दिसंबर को शुरू हुए शीतकालीन सत्र के 42वें दिन यानी 22 जनवरी को निष्प्रभावी हो जायेगा. एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, अध्यादेश 31 जनवरी को शुरू हो रहे बजट सत्र से केवल एक सप्ताह पहले निष्प्रभावी हो जायेगा.

सरकार सत्र में इस विधेयक को पारित कराने की कोशिश करेगी. लेकिन, इस बारे में फैसला अभी नहीं हुआ है कि अध्यादेश निष्प्रभावी होने के बाद इसे फिर से लागू किया जायेगा या नहीं. अधिकारी ने कहा, दूसरा विकल्प यह होगा कि मध्य फरवरी में बजट सत्र के समापन तक का इंतजार किया जाये. अगर, विधेयक पारित नहीं होता है तो तब अध्यादेश फिर से लागू किया जा सकता है. मुस्लिमों में तीन तलाक की परंपरा को दंडनीय अपराध घोषित करनेवाला नया विधेयक 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था. नये विधेयक का उद्देश्य सितंबर में लागू अध्यादेश की जगह लेना था.

लोकसभा ने इस विधेयक को अपनी मंजूरी दी थी. लेकिन, विधेयक को राज्यसभा में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. विधेयक फिलहाल ऊपरी सदन में लंबित है. प्रस्तावित कानून के तहत, एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) गैरकानूनी और शून्य होगा और ऐसा करने पर पति को तीन साल की सजा होगी.

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