CBI vs CBI : पूर्व CBI Chief आलोक वर्मा पर नीरव मोदी और विजय माल्या को भगाने के भी हैं आरोप

नयी दिल्ली : रिश्वतखोरी और पशु तस्करों की मदद करने के आरोपों के बाद पूर्व सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा पर नीरव मोदी और विजय माल्या को देश से भगाने के भी आरोप लग रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) ने उनके खिलाफ छह नये मामलों की जांच शुरू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2019 10:15 AM

नयी दिल्ली : रिश्वतखोरी और पशु तस्करों की मदद करने के आरोपों के बाद पूर्व सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा पर नीरव मोदी और विजय माल्या को देश से भगाने के भी आरोप लग रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) ने उनके खिलाफ छह नये मामलों की जांच शुरू कर दी है. इसमें बैंक घोटालों के आरोपी नीरव मोदी, विजय माल्या और एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी शिवशंकरन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर के आंतरिक ई-मेल को लीक करने के आरोप भी शामिल हैं.

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एक अंग्रेजी समाचार पत्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आलोक वर्मा पर लगे नये आरोपों के संबंध में सीवीसी ने सरकार को सूचित किया है. इस संबंध में 12 नवंबर, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के सामने वर्मा की जांच रिपोर्ट दाखिल करने के बाद एंटी करप्शन टीम ने शिकायतें दी थीं. वर्मा पर उनके ही जूनियर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने आरोप लगाये थे. इन आरोपों की जांच के आधार पर दी गयी रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्मा से पूछताछ होनी चाहिए.

सीबीआइ ने अस्थाना के खिलाफ 3 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में 15 अक्टूबर को शिकायत दर्ज की थी. वहीं, अस्थाना ने वर्मा के खिलाफ कैबिनेट सचिव को 24 अगस्त को ही कुछ शिकायत की थी. कैबिनेट सचिव ने अस्थाना की शिकायत को सीवीसी को बढ़ा दिया था. शिकायत में वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार की बात कही गयी.

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आलोक वर्मा पर आरोप हैं कि उन्होंने वर्ष 2015 में विजय माल्या के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को कमजोर किया, जिसकी मदद से माल्या को देश छोड़कर भागने में मदद मिली. वहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नीरव मोदी के केस में सीबीआइ के कुछ आंतरिक ई-मेल के लीक होने पर आलोक वर्मा आरोपी को ढूंढ़ने की बजाय मामले को छिपाने की कोशिश करते रहे. उस वक्त पीएनबी घोटाले की जांच जारी थी.

ज्ञात हो कि सीवीसी जांच के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी ने 2:1 से वर्मा को सीबीआइ निदेशक के पद से हटा दिया था. बाद में उन्होंने पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया.

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