जेएनयू नारेबाजी मामला : पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दायर
नयी दिल्ली :दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दायर किया. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमीत आनंद ने मंगलवार को विचार के लिए अदालत के समक्ष आरोपपत्र पेश किया. दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 […]
नयी दिल्ली :दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दायर किया. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमीत आनंद ने मंगलवार को विचार के लिए अदालत के समक्ष आरोपपत्र पेश किया.
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 के एक कार्यक्रम से जुड़े देशद्रोह के मामले में संस्थान के पूर्व छात्रों उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. जेएनयू देशद्रोह मामले में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईया रसूल, बशीर भट, बशरत के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किए गए.
जांच में यह कहा गया है कि कन्हैया ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया था. इसके लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गयी थी. कन्हैया कुमार, खालिद और भट्टाचार्य को संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी दिये जाने के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में कथित तौर पर एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए राजद्रोह के आरोपों पर 2016 में गिरफ्तार किया गया था.
इन गिरफ्तारियों पर काफी विवाद पैदा हुआ था. विपक्ष ने यह कहते हुए पुलिस की आलोचना की थी कि वह सत्तारूढ़ भाजपा की तरफ से काम कर रही है. एक पुलिस अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, आरोप पत्र को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही दाखिल कर दिया जायेगा. आरोप पत्र में आठ कश्मीरी छात्रों के नाम भी शामिल हैं.
इस विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर तब आक्रोश पैदा हो गया था जब आरोप लगाये गये थे कि कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाये गये. गिरफ्तारी के बाद कन्हैया कुमार सुर्खियों में आ गये थे और इसके बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे. कार्यक्रम की एक फुटेज प्रमाणिक पायी गयी थी जिसके बाद पिछले साल विशेष शाखा के अधिकारियों ने कुछ छात्रों से पूछताछ की थी. खालिद के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्हें मीडिया में आयी खबरों के जरिये आरोपपत्र के मसौदे के बारे में पता चला और यह पता चला कि उसे अगले सप्ताह या उसके बाद अंतिम रूप दिया जा सकता है.
वाम कार्यकर्ता और छात्र नेता शेहला राशिद ने कहा कि यह भाजपा का भूला हुआ ट्रंप कार्ड है. उन्होंने कहा, जब भाजपा राष्ट्र विरोधी कार्ड खेलती है तो वह असम, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में चुनाव जीतती है. अब राज्य विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद भाजपा 2019 के लिए भूल बिसरे ट्रंप कार्ड निकाल रही है क्योंकि किसानों के मुद्दे, अर्थव्यवस्था पर वह जीरो है.