डीयू यूजीसी विवाद पर तकरार बरकरार, वीसी के इस्तीफे पर सस्पेंस

नयी दिल्‍ली : दिल्‍ली विश्वविद्यालय और यूजीसी के बीच चार साल के कोर्स को लेकर चल रहा विवाद अब थमनेकानाम नहीं ले रहा है.पहले टीवी चैनलों में खबरे आयी थी कि डीयू के वाइस चांसलर दिनेश सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. किन्तु ताजा जानकारी के अनुसार वीसी ने इस्तीफा नहीं दिया है. वरिष्ठ पत्रकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2014 6:44 AM

नयी दिल्‍ली : दिल्‍ली विश्वविद्यालय और यूजीसी के बीच चार साल के कोर्स को लेकर चल रहा विवाद अब थमनेकानाम नहीं ले रहा है.पहले टीवी चैनलों में खबरे आयी थी कि डीयू के वाइस चांसलर दिनेश सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. किन्तु ताजा जानकारी के अनुसार वीसी ने इस्तीफा नहीं दिया है.

वरिष्ठ पत्रकार मधु किश्वर ने मीडिया को बताया कि वीसी ने केवल इस्तीफे की घोषणा की थी लेकिन उन्होंंने इस्तीफा नहीं दिया है. किश्वर के अनुसार वीसी को यूजीसी ने उनकी बात नहीं मानने पर एफआईआर की धमकी दी थी. इसको उन्होंने अपने ऊपर व्यक्तिगत हमला मानते हुए इस्तीफे की घोषणा की थी. लेकिन आधिकारिक रुप में उन्होंने इस्तीफा दिया नहीं है.

वहीं खबर है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्य आदित्य नारायण मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में एफवाईयूपी के समर्थन में एक याचिका दायर की है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका के जवाब में कहा है कि आप पहले हाईकोर्ट जाएं. अब मिश्रा कल हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.

विवाद बढ़ने के बाद सोमवार को डीयू से संबद्ध कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया टाल दी गयी. इधर इस मामले को लेकर डीयू के कुछ प्रोफेसर आज से भूख हड़ताल पर चले गये हैं.वहीं एवीबीपी के छात्र इसको लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.डीयू प्रिंसिपल संघ की आपात बैठक के बाद शैषक्षिण सत्र 2014-15 के लिए मंगलवार को जारी होनेवाली एडमिशन लिस्ट पर भी रोक लगा दी गयी है.आपात बैठक में 36 कॉलेजों के प्रिंसिपल मौजूद थे. बैठक के बाद संघ के अध्यक्ष एसके गर्ग ने कहा कि जब तक इस मुद्दे पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं होता, एडमिशन प्रक्रिया पर रोक रहेगी. यूजीसी ने डीयू को आदेश दिया था कि उससे संबद्ध कॉलेजों में चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट कोर्स की बजाय तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों का दाखिला लिया जाये.

गर्ग ने कहा कि डीयू और यूजीसी की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों में विरोधाभास था. इसलिए छात्रहित में दाखिले की प्रक्रिया रोक दी गयी है. इससे पहले यूजीसी अध्यक्ष वेद प्रकाश ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से दो बार बैठक की. ईरानी ने कहा कि यूजीसी और डीयू को मामला सुलझा लेना चाहिए. सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी. वेद प्रकाश ने डीयू के कुलपति दिनेश सिंह के साथ भी बैठक की.

* चार साल का पाठ्यक्रम गैरकानूनी!

खबर है कि डीयू ने चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट कोर्स संबंधी अध्यादेश के लिए विजिटर, जो देश के राष्ट्रपति हैं, की मंजूरी नहीं ली थी. न ही पाठ्यक्रम शुरू करने से पहले उसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय या राष्ट्रपति को भेजा. यूजीसी से भी अनुमति नहीं ली. लिहाजा, इस कोर्स की कोई कानूनी मान्यता नहीं है.

* एनएसयूआइ-एबीवीपी में भिड़ंत : डीयू-यूजीसी विवाद सुलझाने के लिए सोमवार को दिल्ली विवि के दो बड़े छात्र संगठनों एनएसयूआइ और एबीवीपी की बैठक बुलायी गयी थी. बैठक में दोनों छात्र संगठनों के सदस्य आपस में भिड़ गये. हाथापाई और मारपीट की.

* आइसा ने किया प्रदर्शन : पाठ्यक्रम के विरोध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाहर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के बैनर तले छात्रों ने प्रदर्शन किया. छात्रों ने दिल्ली विवि के खिलाफ नारेबाजी की और एफवाइयूपी को तत्काल समाप्त करने की मांग की. प्रदर्शन में दिल्ली विवि के विभिन्न कॉलेजों से ताल्लुक रखनेवाले प्रथम वर्ष के कई छात्र भी शामिल हुए.

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