लोकसभा चुनाव : आप ने कहा – कांग्रेस से गठबंधन होगा या नहीं, कहना मुश्किल

नयी दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात सीटों पर आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर संशय के बादल लगातार गहराते जा रहे हैं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित द्वारा गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से नकारने के बाद आप नेता गोपाल राय ने भी इस मामले में अनिश्चितता की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2019 5:21 PM

नयी दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात सीटों पर आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर संशय के बादल लगातार गहराते जा रहे हैं.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित द्वारा गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से नकारने के बाद आप नेता गोपाल राय ने भी इस मामले में अनिश्चितता की बात को स्वीकार किया है. आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने गुरुवार को कहा, आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा या नहीं होगा, अभी यह कह पाना बहुत मुश्किल है. राय ने पार्टी की लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में संवाददाताओं को बताया कि दिल्ली के लोग दो बातों के लिए अपने सांसदों को चुनना चाहते हैं, पहला मोदी को हराने के लिए और दूसरा ऐसे सांसदों को जिताना, जो दिल्ली सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों में मददगार बनें, भाजपा सांसदों की तरह बाधक नहीं बनें.

उन्होंने कहा, लोगों की इस इच्छा पर कांग्रेस कहां खड़ी होती है, इसका उसे जमीन पर जाकर आंकलन करने की जरूरत है. आप और कांग्रेस के गठबंधन के सवाल पर कुछ भी कह पाने में असमर्थता जताते हुए राय ने कहा, एक बात सच है कि दिल्ली सहित पूरे देश में जो परिस्थितियां बन रही है उसके मुताबिक या तो भाजपा को जिताने के लिए लोग वोट करेंगे या इस तानाशाही को हराने के लिए वोट करेंगे. जहां तक दिल्ली का सवाल है तो आप, दिल्ली में भाजपा को हरा सकती है. उन्होंने कहा कि जमीनी परिस्थितियों के मद्देनजर आप ने सभी सात सीटों पर अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है.

इस कड़ी में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों की बैठक हो रही है. इस कड़ी में शुक्रवार को अंतिम लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों की बैठक है. उन्होंने कहा कि पार्टी अब पूरी तैयारी से चुनाव में उतरने के लिए तैयार हैं. पार्टी ने प्रदेश इकाई के 18 आनुषंगिक संगठनों का गठन कर इन्हें सक्रिय कर दिया है. राय ने बताया कि इस कड़ी में गुरुवार को ग्रामीण मोर्चा, पिछड़ा वर्ग, डाक्टरों और आरडब्ल्यूए के आनुषंगिक संगठनों का गठन भी कर दिया गया है.

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