नयी दिल्ली : सरकार ने जबरन छुट्टी पर भेजे गये सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का कार्यकाल तत्काल प्रभाव से कम कर दिया है. गुरुवार को जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया कि सीबीआई के तीन अन्य अधिकारियों संयुक्त निदेशक अरुण कुमार शर्मा, उप-महानिरीक्षक मनीष कुमार सिन्हा और अधीक्षक जयंत जे नाईकनवरे के कार्यकाल में भी कटौती की गयी है.
ताजा आदेश ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था और उन्हें दमकल, सिविल डिफेंस और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त किया गया था. वर्मा ने नया पद लेने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह पुलिस सेवा से पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं. गौरतलब है कि मनीष कुमार सिन्हा पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की फोन टैपिंग का आरोपहै. इसके साथ ही सिन्हा राकेश अस्थाना के खिलाफ लगे भ्रष्टाचारकेआरोपों की भी जांच कर रहे थे.
इससे पूर्व बुधवार को ही यह खबर आयी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एक उच्चस्तरीय समिति आगामी 24 जनवरी को बैठक कर नये सीबीआई निदेशक के बारे में फैसला करेगी. प्रधानमंत्री के अलावा पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता शामिल हैं. गाैरतलब है कि सरकार ने चयन समिति की बैठक 24 जनवरी को बुलाने का निर्णय तब लिया चयन समिति में शामिल विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए चयन समिति की तत्काल बैठक बुलाकर नया निदेशक नियुक्त करने का अनुरोध किया था. गौरतलब है कि आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का फैसला करनेवाली तीन सदस्यीय चयन समिति में खड़गे भी शामिल थे और उन्होंने इसका विरोध किया था.
Tenure of CBI Special Director Rakesh Asthana and three other CBI officers curtailed by Appointments Committee of the Cabinet, with immediate effect. pic.twitter.com/TXbhwQ9kVO
— ANI (@ANI) January 17, 2019