नयी दिल्ली : भाजपा ने कोलकाता में हुई संयुक्त विपक्ष की रैली को ‘अवसरवादी तत्वों’ का जमावड़ा करार देते हुए कहा कि जो लोग कभी एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते थे, वे देश के भविष्य के किसी खाके के बगैर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने के एकमात्र एजेंडा के साथ एकजुट हो गये हैं.
इस रैली का आयोजन तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने किया था, जिसमें विपक्षी दलों के कई नेता शामिल हुये. विपक्ष की रैली पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2019 का भारत 1990 के दशक का भारत नहीं है, जब प्रधानमंत्रियों का कार्यकाल कुछ दिनों से लेकर कुछ महीने भर का होता था.
उन्होंने कहा कि देश को मजबूर सरकार नहीं, बल्कि मजबूत सरकार की जरूरत है. प्रसाद ने कोलकाता में विपक्ष की महारैली में जुटे नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन सभी की महात्वाकांक्षा प्रधानमंत्री बनने की है और इसलिए सबसे मुश्किल चीज उनके नेता की घोषणा करने में है.
Union Minister Ravi Shankar Prasad on Opposition’s rally in Kolkata: Those who could not see eye to eye have come together & from the speech it was evident that their only agenda is to remove Narendra Modi, they have no future road-map for the development of India. pic.twitter.com/cHNfC5tjKU
— ANI (@ANI) January 19, 2019
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के पास देश का विकास करने की कोई योजना नहीं है और उनका एकमात्र एजेंडा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना है. उन्होंने कहा, जो लोग एक दूसरे को देखना तक नहीं पसंद नहीं करते थे वे एकजुट हो गए हैं। उनके पास कोई खाका नहीं है. प्रसाद ने कहा कि विपक्ष के पास सबसे मुश्किल कार्य अपना नेता चुनने का है क्योंकि राहुल गांधी, मायावती, ममता बनर्जी , इन सभी की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने रैली को मोदी विरोधी अभियान करार दिया और कहा कि पार्टी ऐसे कार्यक्रमों से डरती नहीं है. दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कोलकाता में एकजुट भारत रैली का आयोजन किया.
Union Minister RS Prasad: Someone said in a very funny manner that our leader will be elected by the people of India, you have to name your leader to be elected by the people of India. Rahul Gandhi, Mayawati, Mamata Ji and some regional players too, all have PM‘s ambition https://t.co/pkEmOWj9Ob
— ANI (@ANI) January 19, 2019
इस रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, तेदेपा नेता एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल हुये. रूडी ने कहा, ..हम स्पष्ट तौर पर इसे एक विभाजित नेतृत्व के तौर पर देखते हैं. यह विरोधाभासों एवं संघर्ष का सम्मेलन है. वे नये मोर्चे की बात करते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह कोई दूसरा या तीसरा मोर्चा भी है.