नयी दिल्ली : राफेल जेट विमानों की खरीद पर संसद और संसद के बाहर जारी घमासान के बीच खबर ये आ रही है कि फ्रांस को भारत ने 50 प्रतिशत से अधिक का पेमेंट कर दिया है. जानकारी के अनुसार भारत 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये की कुल कीमत में से आधे से अधिक का पेमेंट कर चुका है. यह विमान 2019 नवंबर से 2022 अप्रैल के बीच भारत को फ्रांस डिलिवर करने का काम करेगा.
यहां चर्चा कर दें कि राफेल सौदे में अनियमितता का आरोप विपक्षी दल लगा रहे हैं और मोदी सरकार को चुनावी मौसम में घेरने के काम में जुटे हैं. शनिवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममत बनर्जी की रैली में भी राफेल की गूंज सुनायी पड़ी थी. बताया जा रहा है कि भारत की आश्वयकता के अनुसार पूरी तरह से उपकरणों से लैस 13 विमान सितंबर-अक्टूबर 2022 में ही पूरी तरह से प्रयोग करने लायक हो जाएगा.
भारत पहुंचने के बाद भी विमानों को फौरन प्रयोग नहीं किया जा सकता है क्योंकि अगले छह महीनों तक इन्हें विभिन्न सॉफ्टवेयर सर्टिफिकेशन से गुजारने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो लगभग 34,000 करोड़ की रकम माइलस्टोन लिंक्ड इंस्टॉलमेंट यानी पूर्व निर्धारित शर्तों के आधार पर सिलसिलेवार तरीके से फ्रांस को दी जा चुकी है.