राम माधव की चेतावनी, गणतंत्र दिवस समारोह का विरोध स्वीकार्य नहीं
जम्मू : जम्मू कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों की गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में मौजूदगी अनिवार्य करने पर मचे विवाद के बीच, भाजपा महासचिव राम माधव ने रविवार को कहा कि कार्यक्रम में शिरकत को लेकर किसी भी विरोध को स्वीकार नहीं किया सकता है क्योंकि यह हर नागरिक के लिए गर्व की बात है. जम्मू कश्मीर […]
जम्मू : जम्मू कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों की गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में मौजूदगी अनिवार्य करने पर मचे विवाद के बीच, भाजपा महासचिव राम माधव ने रविवार को कहा कि कार्यक्रम में शिरकत को लेकर किसी भी विरोध को स्वीकार नहीं किया सकता है क्योंकि यह हर नागरिक के लिए गर्व की बात है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सरकारी कर्मियों के लिए श्रीनगर और जम्मू में गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों में हिस्सा लेने को अनिवार्य कर दिया है. साथ में चेताया गया है कि अगर कोई समारोह में शिरकत नहीं करता है तो यह ड्यूटी में लापरवाही और सरकार के निर्देश की अवज्ञा मानी जायेगी. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने राजनीतिक पार्टियों द्वारा आदेश की कथित आलोचना पर किए गए सवाल पर कहा, यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है. हम सब को गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेना है. घाटी के सियासतदानों पर हमला करते हुए माधव ने कहा, जब वे सत्ता में होते हैं, तो कुछ और कहते हैं, जब सत्ता से बाहर होते हैं तो अलगाववादी भावनाओं के लिए मददगार होते हैं. उन्होंने कहा, कुछ अधिकारी विरोध कर रहे हैं तो यह गंभीर मामला है और मुझे यकीन है कि राज्य सरकार उचित कार्रवाई करेगी.
राम माधव ने कहा कि उनकी पार्टी के जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की संभावना है और चुनाव बाद वह कुछ मित्रों के साथ प्रदेश में स्थिर सरकार बनायेगी.। भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी प्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा, प्रदेश में चुनाव पूर्व किसी पार्टी के साथ गठबंधन होने की संभावना बेहद कम है. चुनाव के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी और कुछ मित्रों की मदद से जनता को स्थिर सरकार देगी. भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए सरकार बनाने के लिए, हमें दूसरों के साथ हाथ मिलाने में कोई हिचक नहीं है.
माधव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी के चुनाव प्रचार की शुरुआत तीन फरवरी को अपनी यहां की यात्रा के दौरान करेंगे. उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होंगे, भाजपा राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयार है. अब चुनाव आयोग को यह निर्णय लेना है कि दोनों चुनाव एक साथ होंगे अथवा अलग-अलग. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पिछले वर्ष नवंबर में कहा था कि जम्मू कश्मीर में चुनाव अगले छह माह के भीतर होंगे. फिलहाल यहां राष्ट्रपति शासन लागू है. कश्मीरी पंडितों को दोबारा बसाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने कश्मीरी पंडितों की वापसी और उन्हें दोबारा बसाने के लिए खाका तैयार किया है और घाटी में स्थिति अनुकूल होने के बाद ही उसे लागू किया जायेगा.