बेंगलुरु : कांग्रेस ने अपने विधायक जेएन गणेश को पार्टी विधायक आनंद सिंह से बेंगलुरु के निकट एक रिजॉर्ट में कथित रूप से मारपीट करने के मामले में साेमवार को निलंबित कर दिया. गणेश को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव के निर्देश पर कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस महासचिव वीपी घोरपड़े ने पार्टी से निलंबित किया. पार्टी के विधायकों के बीच झड़प मामले की जांच के लिए राज्य के मंत्रियों कृष्ण बायर गौड़ा और केजे जॉर्ज के साथ कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री जी परमेश्वरा के नेतृत्व में एक विशेष समिति का गठन किया गया है. इस बीच मारपीट के मामले में कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने साथी विधायक जेएन गणेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है.
गौरतलब है कि शनिवार को विधायक जेएन गणेश की झड़प अपनी ही पार्टी के विधायक आनंद सिंह से उस रिजॉर्ट में हुई जहां कांग्रेस के विधायक शुक्रवार से ही जमे हुए हैं. मुख्य विपक्षी भाजपा की ओर से कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के कारण इन विधायकों को रिजॉर्ट में रखा गया है. उन्होंने बताया कि बल्लारी जिले के कंपली विधानसभा क्षेत्र से विधायक जेएन गणेश के साथ हुई झड़प के बाद इसी जिले के होसपेट से विधायक आनंद सिंह को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दोनों के बीच तीखी बहस हुई और फिर हाथापाई हो गयी. अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, आंनद सिंह की आंखें काली पड़ गयी हैं और उन्हें काफी चोट आयी है. गणेश कांग्रेस के उन असंतुष्ट विधायकों में शामिल बताये जाते हैं जो कथित तौर पर भाजपा में शामिल होने की योजना बना रहे पार्टी के असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में हैं.
विधायक गणेश ने सोमवार को दावा किया कि शनिवार की रात एक निजी रिजॉर्ट में अपने साथी विधायक आनंद सिंह के साथ हुई कथित झड़प में वह भी जख्मी हुए थे. कांग्रेस के दोनों विधायकों के बीच हुई कथित झड़प के कारण अपने सभी विधायकों को एकजुट रखने की पार्टी की कोशिशों को झटका लगा था. गणेश ने संकेत दिये कि ईगलटन रिजॉर्ट में उनके और आनंद के बीच झड़प हुई थी, लेकिन उन्होंने मीडिया में आ रही खबरों को नकारते हुए कहा कि बोतल से कोई हमला नहीं किया गया था. गणेश ने कहा, मीडिया ने मेरी ओर से (आनंद सिंह के) सिर पर बोतले मारने, 14 से 20 टांके पड़ने जैसी जो भी बातें कही हैं, वे सब पूरी तरह गलत हैं. उन्होंने कहा, मेरे द्वारा अपने अंगरक्षक पर हमले की भी खबरें गलत हैं. वह खुद यहां मौजूद है. यह भी झूठ है.
आनंद को अपने बड़े भाई जैसा बताते हुए गणेश ने कहा कि वह और उनका परिवार आनंद का सम्मान करता है और वे उन्हें 15-20 साल से जानते हैं. गणेश ने कहा, मैंने उनके साथ जानबूझकर यह सब नहीं किया. किसी मुद्दे पर भीमा नाइक (एक अन्य कांग्रेस विधायक) और आनंद सिंह के बीच मतभेद थे. मैंने (समझौता कराने के लिए) उन्हें साथ लाना चाहा, लेकिन कुछ गलत चीजें हो गयीं. उन्होंने कहा कि इन बातों से यदि आनंद सिंह को दुख हुआ है तो मैं उनके परिवार से माफी मांगना चाहूंगा. यह जानबूझकर नहीं किया गया. आनंद के जख्मी होने के बारे में पूछे जाने पर गणेश ने कहा, आप जैसा सोचते हैं वैसा कुछ नहीं है. मुझे भी चोटें आयी हैं. मैं नहीं कह सकता. छोड़िए, आप जैसा सोच रहे वैसा कुछ नहीं है. यह पूछे जाने पर कि वह मीडिया पर ठीकरा क्यों फोड़ रहे, इस पर गणेश ने कहा, आपसे किसने कहा कि मैंने (आनंद को) बोतल से मारा? मीडिया इस तरह दिखा रहा है जो गलत है. हमारा अंगरक्षक यहां है. उससे पूछिये.