नयी दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को हैक करने संबंधी एक साइबर विशेषज्ञ के दावे को गंभीर करार देते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि इससे जुड़े तथ्यों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
पार्टी ने यह भी कहा कि ईवीएम से जुड़े संदेह को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, मैं स्पष्ट कर दूं कि कांग्रेस का इससे (लंदन के आयोजन) कोई सरोकार नहीं है. कपिल सिब्बल ने खुद कहा है कि वहां वह कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं. भाजपा का शुरूसे ही रुख रहा है कि संदेश देने वाले को निशाना बनाया जाये ताकि संदेश को गुम कर दिया जाये. दरअसल, सिब्बल लंदन में साइबर विशेषज्ञ के इस कार्यक्रम में मौजूद थे. पार्टी का कहना है कि वह पत्रकारों के एक समूह के आमंत्रण पर वहां मौजूद थे और इसका पार्टी से कोई संबंध नहीं है.
सिंघवी ने कहा, हम न तो इसका (दावे) समर्थन कर सकते हैं और ना ही इसका खंडन कर सकते हैं. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. चाहे हमारा चुनाव आयोग जांच करे, चाहे कोई निष्पक्ष एजेंसी करे. हम संदेश को झुठला नहीं सकते. उन्होंने कहा, चुनाव आयोग को बिना तहकीकात को कुछ नहीं कहना चाहिए. पहले उन्हें तहकीकात करनी चाहिए. सिंघवी ने कहा, दुनिया में कुछ चुनिंदा देशों में ईवीएम का उपयोग हो रहा है. कुछ देशों में जहां इसका उपयोग हो रहा था, वहां अब नहीं हो रहा है. हम चाहते थे कि मतपत्रों से चुनाव हों, लेकिन अब दो-तीन महीने का समय है इसलिए फिलहाल मतपत्रों से चुनाव संभव नहीं है. ऐसे में वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान होना चाहिए. चुनाव आयोग को तय करना चाहिए कि समुचित मात्रा में वीवीपैट की पर्चियों का मिलान हो.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, आपको पता है कि कुछ मशीनों से खिलवाड़ किया जाता है. आंशिक रूप से किया जाता है. अगर, लोकतंत्र में ईवीएम को लेकर इतना भयावह संदेह है तो इस संदेह को हटाने के लिए 50 फीसदी पर्चियों की मिलान होनी चाहिए. दरअसल, अमेरिका में राजनीतिक शरण चाहने वाले एक भारतीय साइबर विशेषज्ञ ने सोमवार को दावा किया कि भारत में 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये धांधली हुई थी. उसका दावा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है. स्काईप के जरिये लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस व्यक्ति ने दावा किया कि 2014 में वह भारत से पलायन कर गया था, क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने की घटना के बाद वह डरा हुआ था. इस व्यक्ति की पहचान सैयद शुजा के तौर पर हुई है.