Supreme Court में अब चार दिन के अंदर खुद ही List हो जायेगा Case
नयी दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय याचिकाओं का उल्लेख करने की प्रक्रिया खत्म करने के लिए एक नयी व्यवस्था पर काम कर रहा है जिसके तहत नया मामला दायर होने के चार दिन के भीतर वह स्वत: ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो जायेगा. प्रधान न्यायाधीश रंजन […]
नयी दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय याचिकाओं का उल्लेख करने की प्रक्रिया खत्म करने के लिए एक नयी व्यवस्था पर काम कर रहा है जिसके तहत नया मामला दायर होने के चार दिन के भीतर वह स्वत: ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो जायेगा.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि यदि चार दिन तक किसी मामले में इंतजार नहीं किया जा सकता, तो वकील मामले को शीघ्र सूचीबद्ध करने के लिए शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार के समक्ष इसका उल्लेख कर सकते हैं. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, हम इस पर काम कर रहे हैं जिसमें याचिका दायर करने के बाद चार दिन के भीतर मामला स्वत: ही सुनवाई के लिए आ जायेगा. यदि मामला चार दिन इंतजार नहीं कर सकता तो आप (वकील) शीघ्र सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष अपने मामले का उल्लेख कर सकते हैं. तब हम याचिका पर गौर करेंगे. हम इस व्यवस्था पर काम कर रहे हैं.
प्रधान न्यायाधीश ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब उनकी अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक वकील ने अपने मामले को शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए कहा कि तीन दिन के बाद भी उसकी याचिका सूचीबद्ध नहीं हुई है. उल्लेख करने की प्रक्रिया एक व्यवस्था है जिसके तहत वकील या कोई वादी याचिका दायर करने के बाद अपने मामले की शीघ्र सुनवाई या राहत के लिए प्रधान न्यायाधीश के समक्ष इसका उल्लेख करता है. न्यायमूर्ति गोगोई ने प्रधान न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करने के साथ ही तीन अक्तूबर को स्पष्ट कर दिया था कि मुकदमों की प्राथमिकता पर सुनवाई और उल्लेख के बारे में नया पैमाना निर्धारित करने की आवश्यकता है.