राजपथ पर उतरेंगे आजाद हिंद फौज के सैनिक, नारी शक्ति का होगा प्रदर्शन
70वें गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल हुई देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आजाद हिंद फौज को आखिरकार आजादी के 70 साल बाद राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का गौरव मिला है. फौज के चार पूर्व सैनिक 70वें गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर परेड करते दिखायी […]
70वें गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल हुई
देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आजाद हिंद फौज को आखिरकार आजादी के 70 साल बाद राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का गौरव मिला है. फौज के चार पूर्व सैनिक 70वें गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर परेड करते दिखायी देंगे.
सेना के मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल राजपाल पूनिया ने बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड की जानकारी देते हुए बताया कि गणतंत्र दिवस परेड के इतिहास में यह पहला मौका है जब आजाद हिंद फौज के चार पूर्व सैनिक इस परेड में हिस्सा लेंगे. उन्होंने बताया कि इन सैनिकों की उम्र 95 से 100 साल के बीच की है इसलिए इन्हें चुनने के लिए किसी मानदंड का औचित्य नहीं था.
आजाद हिंद फौज के इन जीवित पूर्व सैनिकों से परेड में शामिल होने के लिए संपर्क किया गया था. ये सैनिक एक खुली जीप में सलामी मंच के सामने से गुजरेंगे. इन पूर्व सैनिकों के नाम चंडीगढ के लालतीराम (98), गुरुग्राम के परमानंद (99), हीरा सिंह (97), और भागमल (95) हैं.
इस बार की परेड में नारी शक्ति की मौजूदगी पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक होगी. तीनों सेनाओं के मार्चिंग दस्ते की कमांडर महिला अधिकारी होंगी. अन्य आकर्षणों में सेना के लिए अमेरिका से खरीदी गयी एम-777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप और देश में ही बनायी गयी के-9 वज्र तोप पहली बार राजपथ पर सेना की ताकत की झलक पेश करेगी. परेड में पहली बार सशस्त्र सेनाओं की मार्शल धुन शंखनाद की गूंज भी सुनायी देगी.
डॉ बक्शी ने दिलाया आजाद हिंद फौज के जवानों को सम्मान
पीएम मोदी के समक्ष रखी थी मांग सरकार ने किया स्वीकार
आजाद हिंद फौज के जवानों को राजपथ में परेड करने का सम्मान दिलाने के लिए रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ जीडी बक्शी ने लंबा संघर्ष किया.
डॉ बक्शी ने बताया कि लंबे संघर्ष के बाद वह इन जवानों को यह सम्मान दिलाने में कामयाब हुए हैं. उन्होंने कुछ माह पहले पीएम मोदी के समक्ष यह मांग रखी थी और सरकार ने इसको मान लिया. इसमें एनएसए अजीत डोभाल ने बड़ा योगदान दिया. डॉ बक्शी ने कहा कि देश के इन हीरो को पहले भी परेड में शामिल करने का सम्मान मिलना चाहिए था.