गुड़गांव : गुड़गांव के एक गांव में गुरुवार सुबह निर्माणाधीन चार मंजिला इमारत ढह जाने से छह मजदूरों की मौत हो गयी. अधिकारियों ने बताया कि गुड़गांव के सेक्टर 65 के समीप उल्लावास गांव में इमारत के ढहने के बाद अब भी उसके मलबे में कुछ और लोगों के फंसे होने की आशंका है. हरियाणा सरकार ने इस हादसे में जान गंवाने लोगों के परिवारों के लिए तीन तीन लाख रुपये की अनुग्रह राशि घोषित की है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एक प्रवक्ता ने कहा कि दुर्घटनास्थल पर मलबे से अब तक छह शव निकाले गये हैं. बचाव टीमें अब भी लगी हुई हैं. एक अधिकारी के अनुसार, इमारत की चौथी मंजिल के डाली गयी नयी छत ढह गयी और पूरा ढांचा गिर गया. बचाव कार्य से जुड़े एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा कि जो लोग मर गये हैं, वे दूसरे, तीसरे तल और भूतल पर थे. पहला तल खाली था.
गुड़गांव के पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकान ने बताया कि दुर्घटना में मर गये लोगों की पहचान उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर निवासी कुलदीप (32), विशाल (17) और अल्ताफ तथा बिहार के समस्तीपुर निवासी आनंद के तौर पर हुई है। उन्होंने कहा कि अन्य दो की पहचान नहीं हो पायी है. उन्होंने बताया कि जब यह हादसा हुआ, तब ये सभी लोग इस भवन में सो रहे थे. उन्होंने कहा कि इस घटना की मजिस्ट्रेट स्तर की जांच शुरू की गयी है. पुलिस इमारत के मालिक की तलाश कर रही है. वह उल्लावास गांव का रहने वाला है. अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इमारत के ढह जाने से मृतकों के परिवारों के लिए तीन तीन लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है.
गुड़गांव के अग्निशमन विभाग के नियंत्रण कक्ष को एक स्थानीय निवासी ने सुबह करीब सवा पांच बजे फोन करके इमारत के ढह जाने की सूचना दी थी. पुलिस, अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ, हरियाणा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कर्मी बचाव अभियान में लगे हैं. एक गाजियाबाद से एनडीआरएफ की दो टीमें और द्वारका से एक टीम सुबह दुर्घटनास्थल पर पहुंचीं.
एक अधिकारी के अनुसार, एनडीआरएफ की एक टीम शाम को गाजियाबाद से भी भेजी गयी, ताकि सुबह से लगी टीमों में एक टीम को छुट्टी मिल सके. बचाव अभियान रात में भी चलेगा. शुरुआती दौर में अभियान थोड़ा धीमा था, क्योंकि बचावकर्मियों को बड़े-बड़े कंक्रीट, आयरन ग्रिल और अन्य मलबे हटाने पड़ रहे थे. एनडीआरएफ प्रवक्ता ने कहा कि एनडीआरएफ बचावकर्मियों ने मलबे में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए उच्च प्रौद्योगिकी उपकरणों की मदद से बाधाकारी सामग्री हटायी.