आतंकी से सैनिक बने शहीद वानी को अशोक चक्र, सम्मान लेते हुए नम हुईं मां और पत्नी की आंखें
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में पिछले वर्ष नवंबर में आतंकवादियों से लोहा लेते वक्त जान कुर्बान करने वाले लांस नायक नजीर अहमद को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अशोक चक्र से सम्मानित किया. वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. उनकी पत्नी और मां ने यह सम्मान ग्रहण किया. […]
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में पिछले वर्ष नवंबर में आतंकवादियों से लोहा लेते वक्त जान कुर्बान करने वाले लांस नायक नजीर अहमद को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अशोक चक्र से सम्मानित किया. वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. उनकी पत्नी और मां ने यह सम्मान ग्रहण किया.
शहीद वानी की पत्नी और मां ने नम आंखों के साथ वीरता का सम्मान ग्रहण किया. राष्ट्रपति कोविंद ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया. यहां चर्चा कर दें कि अशोक चक्र शांतिकाल में दिया जाने वाला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है. वानी अशोक चक्र पाने वाले पहले कश्मीरी हैं.
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में चेकी अश्मुजी के रहने वाले वानी आतंकवाद का रास्ता छोड़कर 2004 में भारतीय सेना की 162 इंफेंट्री बटालियन (प्रादेशिक सेना) से जुड़े थे. शोपियां के बाटगुंड के निकट हीरापुर गांव में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में वह 25 नवंबर को शहीद हो गये थे.
सम्मान के वक्त प्रशंसात्मक उल्लेख में कहा गया कि वानी ने अभियान में दो आतंकवादियों को मार गिराया और गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद तीसरे आतंकवादी को घायल कर दिया.