राहुल गांधी ने मनोहर पर्रिकर की चिट्ठी का दिया जवाब, कहा- पीएम के दबाव के कारण…

नयी दिल्ली : पिछले वक्त से बीमार चले रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने राफेल मुद्दे पर ‘‘झूठे बयान” देकर शिष्टाचार भेंट का इस्तेमाल ‘‘तुच्छ राजनीतिक फायदे” के लिये किया. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने उनके साथ हुई बातचीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2019 7:55 AM

नयी दिल्ली : पिछले वक्त से बीमार चले रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने राफेल मुद्दे पर ‘‘झूठे बयान” देकर शिष्टाचार भेंट का इस्तेमाल ‘‘तुच्छ राजनीतिक फायदे” के लिये किया. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने उनके साथ हुई बातचीत साझा नहीं की.

गांधी ने दावा किया कि भाजपा नेता ‘‘दबाव में” हैं. गोवा में मुख्यमंत्री पर्रिकर से मिलने के कुछ घंटे बाद गांधी ने बुधवार को कोच्चि में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा है कि उनका राफेल लड़ाकू विमान सौदे से कोई लेना देना नहीं है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित अन्य नेताओं ने गांधी पर इस मुद्दे पर निशाना साधा है.

शाह ने उन पर बीमारी से लड़ रहे एक व्यक्ति के नाम पर ‘‘झूठ बोलने” का आरोप लगाया. पर्रिकर को भेजे और सोशल मीडिया अकाउंट पर डाले संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपने भाषणों में राफेल मामले से जुड़ीं वही बातें की हैं जो पहले से सार्वजनिक पटल पर हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘आपसे मेरी मुलाकात पूरी तरह से निजी थी और यह आपकी स्थिति के लिए मेरी संवेदना के कारण संभव हुई…मैंने मंगलवार को गोवा में आपसे मुलाकात के दौरान हुई बातचीत की कोई जानकारी साझा नहीं की है. हमारी मुलाकात के बाद मेरे दो भाषणों में मैंने जो कहा वह पहले से सार्वजनिक पटल पर मौजूद है.”

गांधी ने यह जवाब पर्रिकर द्वारा उन्हें पत्र लिखने के बाद दिया. इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में पर्रिकर ने कहा, ‘‘ ‘मैं इसे लेकर बेहद आहत हूं कि आपने इस मुलाकात का इस्‍तेमाल भी अपने तुच्छ राजनीतिक फायदे के लिए किया. आपने मेरे साथ महज पांच मिनट का वक्‍त बिताया और इस दौरान न तो आपने राफेल के बारे में कुछ जिक्र किया और न ही हमने इस संबंध में कोई चर्चा की.”

पर्रिकर ने कहा कि शिष्टाचार भेंट करना और फिर तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए झूठे बयान देने से उनके मन में मुलाकात की गंभीरता और उद्देश्य पर सवाल खड़े होते हैं.

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