#BudgetSession: राष्ट्रपति ने मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया, कहा मेरी सरकार ने देश को नयी आशा और विश्वास दिया

नयी दिल्ली :संसद का बजट सत्र आज से शुरू हुआ. इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने नरेंद्र मोदी नीत सरकार के पांच साल का एक तरह से रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2019 11:08 AM

नयी दिल्ली :संसद का बजट सत्र आज से शुरू हुआ. इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने नरेंद्र मोदी नीत सरकार के पांच साल का एक तरह से रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि मेरी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में लोगों को नयी आशा और विश्वास दिया तथा देश का सम्मान बढ़ाया है जबकि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले देश ‘‘अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था.’

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कोविंद ने यह भी कहा कि इस सरकार ने नया भारत बनाने का संकल्प लिया है. उन्होंने राफेल सौदे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘दशकों के अंतराल के बाद भारतीय वायुसेना, आने वाले महीनों में, नई पीढ़ी के अति आधुनिक लड़ाकू विमान-राफेल को शामिल करके, अपनी शक्ति को और सुदृढ़ करने जा रही है. राष्ट्रपति के करीब एक घंटे तक चले अभिभाषण में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण, तीन तलाक विधेयक, नागरिकता विधेयक आदि का भी उल्लेख आया.

अभिभाषण के दौरान उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विभिन्न केन्द्रीय मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, विभिन्न दलों के नेता और सांसद मौजूद थे. कोविंद ने कहा, ‘‘देश 2014 लोकसभा चुनावों से पहले अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था, लेकिन चुनाव के बाद मेरी सरकार ने नया भारत बनाने का संकल्प लिया . पिछले साढ़े चार साल में मेरी सरकार ने लोगों को नयी आशा और विश्वास दिया है, तथा देश का सम्मान बढ़ाया है.’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ मेरी सरकार सभी वर्गों के लोगों की आशाओं, आकांक्षाओं को पूरा करने का काम कर रही है.’

सर्जिकल स्ट्राइक का उल्लेख करते हुए कोविेंद ने कहा, ‘‘विश्व पटल पर, जहां एक ओर भारत, हर देश के साथ मधुर संबंध का हिमायती है, वहीं हर पल हमें हर चुनौती से निपटने के लिए स्वयं को सशक्त भी करते रहना है. बदलते हुए भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी ‘नई नीति और नई रीति’ का परिचय दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा देश, महात्मा गांधी जी के सपनों के अनुरूप, नैतिकता पर आधारित समावेशी समाज का निर्माण कर रहा है. हमारा देश बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर द्वारा संविधान में दिए गए सामाजिक और आर्थिक न्याय के आदर्शों के साथ आगे बढ़ रहा है.’

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत नौ करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है. इस जन आंदोलन के कारण आज ग्रामीण स्वच्छता का दायरा बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया है, जो कि वर्ष 2014 में 40 प्रतिशत से भी कम था उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बहुत सी माताएं, बहनें और बेटियां, चूल्हे के धुएं के कारण बीमार रहती थीं, पूरे परिवार का स्वास्थ्य प्रभावित होता था और उनका अधिकांश समय, ईंधन जुटाने में लग जाता था. ऐसी बहनों-बेटियों के लिए सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 6 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए हैं.’ कोविंद ने कहा, ‘‘दशकों के प्रयास के बाद भी वर्ष 2014 तक हमारे देश में केवल 12 करोड़ गैस कनेक्शन थे. बीते केवल साढ़े चार वर्षों में मेरी सरकार ने कुल 13 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन से जोड़ा है.’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ के तहत देश के 50 करोड़ गरीबों के लिए गंभीर बीमारी की स्थिति में, हर परिवार पर प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के इलाज खर्च की व्यवस्था की गई है. सिर्फ 4 महीने में ही इस योजना के तहत 10 लाख से ज्यादा गरीब अपना इलाज करवा चुके हैं.’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ के तहत देश भर में अब तक 600 से ज्यादा जिलों में 4,900 जन औषधि केन्द्र खोले जा चुके हैं.इन केन्द्रों में 700 से ज्यादा दवाइयां बहुत कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं .’ उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ एक रुपया महीना के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब भाई-बहनों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है.’

कोव़िंद ने कहा, ‘‘तमिलनाडु के मदुरै से लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा तक और गुजरात के राजकोट से लेकर असम के कामरूप तक, नए ‘एम्स’ बनाए जा रहे हैं. गांवों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए बीते चार वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई में 31 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं.’

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