नयी दिल्ली : गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ राहुल गांधी की मुलाकात पर उत्पन्न विवाद पर कांग्रेस अध्यक्ष पर तीखा हमला करते हुए भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने गुरुवार को उन्हें जन्मजात झूठा करार दिया.
उन्होंने आश्चर्य से कहा कि कहीं वह भारत के पहले झूठे नेता तो नहीं हैंझ. ईरानी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि ईरानी चुनावी हार की शिकार कुंठित नेता हैं जो पिछले 15 सालों से गांधी को कोस कर राजनीतिक तौर पर प्रासंगिक बने रहने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा, श्रीमती ईरानी को अहसास होना चाहिए कि वह केवल राहुल गांधी को कोस कर 2019 का चुनाव नहीं जीत सकती हैं. श्री गांधी को भ्रष्ट जुमला पार्टी के दरबारी मसखरों से ईमानदारी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है. पर्रिकर ने बुधवार को गांधी पर राफेल पर झूठा बयान देकर अपनी शिष्टाचार भेंट का तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने बातचीत के ब्योरे के बारे में कुछ नहीं कहा था और दावा किया कि भाजपा नेता भारी दबाव में हैं. ईरानी ने फेसबुक पर लिखा, नि:संदेह, वह (राहुल गांधी) जन्मजात झूठे हैं. राजनीतिक व्यवस्था तेजी से अहसास कर रही है कि मूलभूत राजनीतिक शिष्टाचार के आधार पर भी उनसे सामाजिक संबंध रखना खतरनाक है. उन्होंने क्या यह (राजवंश) जन्मजात झूठे हैं : भारत के पहले झूठे नेता नामक इस ब्लॉग में लिखा, गहरी चिंता की वजह से वह गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निवास पर शिष्टाचार भेंट करने गये. उन्होंने एक मनगढंत कहानी रची जिसके तहत उन्होंने आरोप लगाया कि मनोहर पर्रिकर ने राफेल से खुद को अलग कर लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान गांधी ने अपने और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के बीच बातचीत की मनगढंत कहानी रची जिससे फ्रांसीसी सरकार ने तत्काल इनकार किया.
ईरानी ने कहा, इससे पहले, उन्होंने (राहुल गांधी) अपने और सुषमा स्वराज के बीच दुआ-सलाम को राजनीतिक दृष्टिकोण के वार्तालाप की मनगढ़ंत कहानी के रूप में पेश किया था. उन्होंने अरुण जेटली के साथ भी बातचीत को लेकर ऐसी ही मनगढ़ंत कहानी रची थी और दावा किया था कि मंत्री ने उनसे कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर के बारे में बहुत कम पता है. उन्होंने आरोप लगाया, क्या वह भारत के पहले झूठे नेता हैं. काल्पनिक राफेल से लेकर ऋणमाफी घोटाले तक वह भ्रमित कर देने वाली वार्ता में फंस गये हैं.