बेरोजगारी के आंकड़े पर भाजपा और कांग्रेस में घमासान, अब नीति आयोग ने भी मारी एंट्री
नयी दिल्ली : देश में बेरोजगारी दर 2017-18 में 45 साल के उच्च स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच जाने संबंधी रिपोर्ट को लेकर छिड़े विवाद के बीच सरकार ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की यह रिपोर्ट अंतिम नहीं है. यह सर्वेक्षण अभी पूरा नहीं हुआ है. बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार की […]
नयी दिल्ली : देश में बेरोजगारी दर 2017-18 में 45 साल के उच्च स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच जाने संबंधी रिपोर्ट को लेकर छिड़े विवाद के बीच सरकार ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की यह रिपोर्ट अंतिम नहीं है. यह सर्वेक्षण अभी पूरा नहीं हुआ है.
बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार की खबर के अनुसार एनएसएसओ द्वारा किये जाने वाले आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के (पीएलएफएस) अनुसार देश में बेरोजगारी की यह दर 1972-73 के बाद सबसे ऊंची बेरोजगारी दर है. 2011-12 में बेरोजगारी की दर 2.2 प्रतिशत थी. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया, जिसके बाद इस पर विवाद बढ़ गया.
उनका कहना है कि मोदी सरकार ने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन पांच साल बाद ‘रोजगार सृजन रिपोर्ट कार्ड लीक’ हो गया जिसमें इस ‘राष्ट्रीय आपदा’ का खुलासा हुआ है. इसके बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने वृहस्पतिवार को आनन-फानन में एक प्रेस वार्ता बुलाकर कहा कि अखबार ने जिन आंकड़ों का उदाहरण दिया है वह अंतिम नहीं है. यह एक मसौदा रपट है.
इससे पहले संप्रग सरकार के दौर के जीडीपी वृद्धि दर आंकड़ों को घटाकर दिखाए जाने के विवाद पर भी कुमार सरकार के बचाव में सामने आए थे. अखबार की रपट पर टिप्पणी करने से मना करते हुए कुमार ने कहा कि तिमाही आंकड़ों के आधार पर सरकार अपनी रोजगार रपट मार्च में जारी करेगी. उन्होंने बेरोजगारी के साथ वृद्धि के दावे को भी खारिज किया.
उन्होंने सवाल किया कि बिना रोजगार पैदा किए कैसे कोई देश औसतन सात प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सकता है. कुमार ने कहा कि पीएलएफएस के आंकड़ों की तुलना एनएसएसओ की पुरानी रपटों से किया जाना गलत है, क्योंकि तब और अब की गणना के तरीकों में कई बदलाव हुए हैं.
एनएसएसओ के आंकड़ों पर नीति आयोग के प्रेस वार्ता करने पर कुमार ने कहा कि मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव दिल्ली में मौजूद नहीं हैं ऐसे में वह उपस्थित नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) तब के योजना आयोग का हिस्सा था। इसलिए नीति आयोग और एनएसएसओ पूरी तरह से अलग नहीं हैं. इस दौरान नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी मौजूद रहे.
* भाजपा ने राहुल की तुलना मुसोलिनी से की
राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिये फ्यूहरर (हिटलर) शब्द का इस्तेमाल किये जाने पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष की तुलना मुसोलिनी से की और कहा कि उन्हें इस इतालवी तानाशाह की भांति ही मुद्दों की बस मामूली समझ है.
भाजपा का पलटवार तब आया जब गांधी ने रोजगार सृजन को लेकर मोदी पर प्रहार किया. भाजपा ने ट्वीट किया कि गांधी को इतालवी तानाशाह मुसोलिनी से विरासत में निकट दृष्टिदोष मिला है. भाजपा ने कहा, स्पष्ट है कि उन्हें विरासत में मुसोलिनी का निकट दृष्टिदोष मिला है और उन्हें मुद्दों की मामूली समझ है.
ईपीएफओ का वास्तविक आंकड़ा रोजगार में बहुत अधिक वृद्धि दर्शा रहा है और यह महज पिछले 15 महीनों में पैदा हुए रोजगार हैं. केवल जिस व्यक्ति के पास कभी कोई काम नहीं हो और पूरी तरह बेरोजगार हो, वही ऐसी फर्जी खबरें फैला सकता है.