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#Budget2019 ट्रेडिशनल वोटर्स पर मोदी सरकार मेहरबान, जानें पिछले बजट की तुलना में क्या है खास?

नयी दिल्ली : आज नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट प्रस्तुत किया गया. यह बजट उम्मीद के अनुसार ही आया और सबसे बड़ी घोषणा यह थी कि अब पांच लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. अभी तक यह टैक्स स्लैब 2.5 लाख का था. सरकार की इस घोषणा से […]


नयी दिल्ली :
आज नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट प्रस्तुत किया गया. यह बजट उम्मीद के अनुसार ही आया और सबसे बड़ी घोषणा यह थी कि अब पांच लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. अभी तक यह टैक्स स्लैब 2.5 लाख का था. सरकार की इस घोषणा से तीन करोड़ लोगों को फायदा मिलगा. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में कहा कि हमने देश को ट्रैक पर लाया है. सरकार का घाटा कम किया, महंगाई पर काबू पाया. जैसे की उम्मीद थी सरकार इस अंतरिम बजट में किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं करेंगी तो सरकार ने छोटे किसानों के लिए प्रतिवर्ष छह हजार रुपये के आर्थिक मदद की घोषना की. यह राशि तीन किस्तों में किसानों के खाते में जमा होगी. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (प्रधानमंत्री किसान योजना) की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस योजना से 12 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा. पहली किस्त अगले महीने की 31 तारीख तक किसानों के खातों में डाल दी जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे सीमान्त किसानों को लाभ होगा. इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को मिलेगा. साथ ही मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए टैक्सस्लैब में बदलाव किया गया और अब पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि सरकार ने 2021 तक हर घर में बिजली पहुंचाने की बात कही. यह मोदी सरकार का छठा बजट है, जो अंतरिम बजट है. इसके पहले मोदी सरकार ने पांच बजट प्रस्तुत किया है. तो आइए चर्चा करें उन बजट की जिसमें मोदी सरकार ने कई बड़ी घोषणाएं की थीं.

आम बजट 2014-15

आम बजट 2014-15 में अरुण जेटली ने व्यक्तिगत टैक्स देने वालों को राहत की खबर दी थी और टैक्स स्लैब को दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख कर दिया था. वहीं सीनियर सिटीजन के लिए इसे तीन लाख कर दिया गया था. वहीं सेक्शन 80सी में भी निवेश की लिमिट को एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख कर दिया गया था. साथ ही पीपीएफ में भी डिपोजिट सिलिंग को एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया था. सरकार ने देश में चार नये एम्स बनाने की घोषणा की थी. सरकार ने यह घोषणा भी की थी कि 2022 तक सबको आवास उपलब्ध करा दिया जायेगा.

आम बजट 2015-16

वर्ष 2015-16 के बजट में सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में डिडक्शन लिमिट को 15,000 से बढ़ाकर 20,000 कर दिया गया था. साथ ही ट्रांसपोर्ट एलाउंस में छूट को भी दोगुना करके 1,600 कर दिया गया.

आम बजट 2016-17

छोटे टैक्स दाताओं को राहत देने के लिए सरकार ने व्यक्तिगत इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया. छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए, बजट में धारा 87 (ए) के तहत कर छूट की सीमा को 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया.

आम बजट 2017-18

वर्ष 2017-18 में सरकार ने पांच लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स को पांच प्रतिशत कर दिया हालांकि 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक की आय पर सरचार्ज 10 प्रतिशत कर दिया गया. साथ ही रेलवे बजट को भी आम बजट के साथ समाहित कर दिया गया.

आम बजट 2018-19

वर्ष 2018-19 में भी सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि परिवहन भत्ते के 19,200 रुपये और 15,000 रुपये तक के चिकित्सा व्यय पर कोई टैक्स लागू नहीं किया गया. बीपीएल परिवारों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गयी.

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