#Budget2019: हरी बंडी पहनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को दिया यह तोहफा
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 का अंतरिम बजट पेश पेश किया. इसमें उन्होंने कई घोषणाएं की. किसानों के लिए भी मोदी सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है. सरकार 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को छह हजार की नकद सहायता देगी, जो सीधे किसानों के खातों में जाएगा. इससे […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 का अंतरिम बजट पेश पेश किया. इसमें उन्होंने कई घोषणाएं की. किसानों के लिए भी मोदी सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है. सरकार 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को छह हजार की नकद सहायता देगी, जो सीधे किसानों के खातों में जाएगा. इससे 12 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा. ये सहायता 2000 रुपये की 3 इंस्टालमेंट में किसानों को दी जाएंगी. योजना पर सालाना 75 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. केंद्र सरकार पूरा पैसा देने का काम करेगी.
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आज पीएम मोदी के बंडी को देखकर ही जानकारी ये अनुमान लगाने लगे थे कि वे किसानों को कुछ तोहफा दे सकते हैं. दरअसल , आज सदन में प्रधानमंत्री हरे जैकेट में नजर आये. इसके इतर कृषि क्षेत्र में संकट से निपटने के लिए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए दो प्रतिशत की ब्याज सहायता की घोषणा की, जबकि समय पर ऋण भुगतान के लिए उन्हें तीन प्रतिशत अधिक सहायता की पेशकश की गयी है. गोयल ने अरुण जेटली के स्थान पर वर्ष 2019-20 के लिए लोकसभा में बजट पेश किया.
उन्होंने पशुपालन और मत्स्य पालन में लगे किसानों के लिए भी दो प्रतिशत की ब्याज सहायता की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे किसानों को दो प्रतिशत ब्याज सहायता और समय पर ऋण पुनर्भुगतान करने वाले किसानों को तीन प्रतिशत की अधिक सहायता मिलेगी. इसके अलावा, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पशुपालन और मछली पालन को मदद करने के लिए 750 करोड़ रुपये की सहायता देगी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 22 अधिसूचित फसलों के लिए उत्पादन की लागत से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया है.
खेती की लागत को पूरा करने के लिए गरीब, भूमिहीन किसानों को व्यवस्थित आय सहायता देने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार खानाबदोश जनजातियों के उत्थान के लिए विशेष रणनीति भी लागू करेगी. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन योजना इस वित्तीय वर्ष से लागू की जाएगी.
उन्होंने कहा कि उच्च विकास, अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों में ईपीएफओ की सदस्यता में दो करोड़ की वृद्धि हुई है.