आतंकवादियों के लिए पुनर्वास नीति के तहत घर वापसी के यात्रा दस्तावेज की मांग तेज

श्रीनगर : आतंकवादियों के लिए पुनर्वास नीति के तहत अपने पतियों के साथ जम्मू कश्मीर आई पाकिस्तान की महिलाओं के एक समूह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान से घर वापसी के लिए यात्रा दस्तावेज देने की अपील की. उन्होंने दावा किया कि उन्हें स्थायी निवासी का प्रमाणपत्र नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2019 5:31 PM

श्रीनगर : आतंकवादियों के लिए पुनर्वास नीति के तहत अपने पतियों के साथ जम्मू कश्मीर आई पाकिस्तान की महिलाओं के एक समूह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान से घर वापसी के लिए यात्रा दस्तावेज देने की अपील की. उन्होंने दावा किया कि उन्हें स्थायी निवासी का प्रमाणपत्र नहीं दिया गया जिसका वादा किया गया था.

वर्ष 2001 में नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और उस समय मुख्यमंत्री रहे उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के युवाओं के लिए पुनर्वास नीति की घोषणा की थी जो हथियारों के प्रशिक्षण के लिए नियंत्रण रेखा पार चले गए थे लेकिन उन्होंने आतंकवाद का रास्ता छोड़ दिया और वे अब सामान्य जीवन व्यतीत करने के लिए घर लौटना चाहते थे.
महिलाओं ने एक बयान में कहा, ‘‘जब से हम उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा घोषित की गई पुनर्वास नीति के तहत अपने पति और बच्चों के साथ यहां आए है तब से हमें पीआरसी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये.” उन्होंने कहा, ‘‘इसके विपरीत हमारे खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की गई और अब हम अनावश्यक रूप से अदालती मामलों में फंसे हैं.”
कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों से आई महिलाएं अपनी मांगों के लिए यहां रेजीडेंसी रोड पर एकजुट हुई. उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों और विदेश मंत्रियों से मानवीय आधार पर हमें दस्तावेज जारी किये जाने की अपील करते हैं. अगर वे हमें यात्रा दस्तावेज नहीं देते है तो हमें भेजा जाना चाहिए.” महिलाओं ने कहा कि जब से वे राज्य में आई हैं तब से पाकिस्तान में अपने परिवारों से मुलाकात नहीं कर पाई है. महिलाओं ने दावा किया, ‘‘माता-पिता समेत हमारे कई करीबी रिश्तेदारों की इस दौरान मौत हो गई. हम अपने रिश्तेदारों की फिक्र में परेशान रहते हैं और हम में से कुछ मनोरोग संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं.”

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