रालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र) : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आमरण अनशन को रविवार को पांच दिन हो गये. वहीं, ग्रामीणों ने उनके अनशन के समर्थन में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में एक राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया जिससे इलाके में लंबा जाम लग गया.
हजारे ने केंद्र और महाराष्ट्र में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति और किसानों के मुद्दों के समाधान के लिए बुधवार को अहमदनगर जिला स्थित अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में अनशन शुरू किया था. 81 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता की मांगों के समर्थन में किसानों एवं युवाओं ने रविवार की सुबह यहां से करीब 38 किलोमीटर दूर पारनेर तहसील के सुपा गांव में अहमदनगर-पुणे राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया. इससे वहां भारी जाम लग गया. आंदोलन के संयोजक शाहिर गायकवाड ने कहा कि वे केंद्र में लोकपाल और उन राज्यों में लोकायुक्त की हजारे की मांग का समर्थन करते हैं, जहां यह नहीं है. साथ में, किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और कुछ चुनाव सुधार की मांग का भी समर्थन करते हैं.
सुपा थाने के निरीक्षक राजेंद्र भोसले ने कहा कि पुलिस ने आंदोलनकारियों को शांत करने की कोशिश की और उनसे अवरोध खत्म करने को कहा क्योंकि सड़क पर दोनों ओर छह किलोमीटर लंबा यातायात जाम लग गया था. उन्होंने कहा कि पुलिस ने सड़क से अवरोध खत्म करने के लिए दोपहर को करीब 110 आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया. हजारे की सुबह स्वास्थ्य जांच करने वाले डॉ धनजंय पोटे ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता का बीते पांच दिन में 3.8 किलोग्राम वजन कम हो गया है, जबकि उनका रक्तचाप, रक्त में शर्करा की मात्रा (ब्लड शुगर), मूत्र में क्रिटनिन की मात्रा बढ़ गयी है. जिले के करीब पांच हजार किसान हजारे के आंदोलन के समर्थन में सोमवार को अहमदनगर के कलेक्टर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर सकते हैं.
कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय शनिवार रात को रालेगण सिद्धि में हुई ग्राम सभा में लिया गया. पारनेर तहसील की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता ग्राम सभा में मौजूद थे और और उन्होंने हजारे के आंदोलन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया. ग्राम सभा में मौजूद लोगों ने राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक द्वारा हजारे के खिलाफ गलत आरोप लगाने के लिए उनकी निंदा भी की. बहरहाल, हजारे ने लोगों से अहिंसक तरीके से प्रदर्शन करने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शालीन भाषा का इस्तेमाल करने की अपील की. इससे पहले हजारे ने अपनी मांगों पर चर्चा के संबंध में राज्य सरकार के दूत और मंत्री गिरिश महाजन से मिलने से इनकार कर दिया था. लोकायुक्त स्वायत्तशासी निकाय है जिसे नौकरशाहों द्वारा पद के दुरूपयोग और भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच का अधिकार प्राप्त होता है.