ओड़िशा में गरजे अमित शाह : कहा – किसानों के लिए पहल से कांग्रेस की चुनावी संभावनाएं धूमिल
पुरी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अहसास कर लिया कि अंतरिम बजट में किसान आय समर्थन पहल की घोषणा से उनकी पार्टी आगामी चुनाव में हार की ओर बढ़ रही है. उन्होंने अपनी पार्टी को आदिवासियों की पैरोकार पेश करने […]
पुरी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अहसास कर लिया कि अंतरिम बजट में किसान आय समर्थन पहल की घोषणा से उनकी पार्टी आगामी चुनाव में हार की ओर बढ़ रही है.
उन्होंने अपनी पार्टी को आदिवासियों की पैरोकार पेश करने की कोशिश करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उनके कल्याण के लिए बजटीय आवंटन कांग्रेस की अगुवाईवाले संप्रग शासन के समय के 30,700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये कर दिया. शाह ने भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर करारा प्रहार किया और उसे ‘आदिवासी विरोधी, किसान विरोधी, मछुआरा विरोधी और दलित विरोधी’ बताया. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पहल से किसानों के लिए दस साल में 7.5 लाख करोड़ रुपये दिये जायेंगे जो संप्रग शासन के दौरान किये गये 57,000 करोड़ रुपये की कृषि रिणमाफी से बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा, जब संसद के सभी सदस्य मेज थपथपा कर प्रधानमंत्री की किसान संबंधी घोषणा का स्वागत कर रहे थे तब राहुल गांधी बहुत ही उदास नजर आ रहे थे. शायद उन्होंने महसूस किया कि इस किसान सहायता घोषणा से उनकी पार्टी की जीत की संभावना समाप्त हो गयी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खुशी का कुछ संकेत तो दिखा ही सकते थे क्योंकि इस उपाय से बड़ी संख्या में गरीब किसान लाभान्वित होने जा रहे हैं. परेशान किसानों को आम चुनाव से पहले आकर्षित करने के लिए केंद्र ने दो हेक्टयर तक की कृषि योग्य जमीनवाले कृषकों के लिए हर साल 6,000 रुपये की प्रत्यक्ष आय सहायता की घोषणा की है. केंद्र ने कहा कि इससे 12 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे और सरकारी खजाने पर सलाना 75,000करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. भाजपा प्रमुख ने दावा किया कि दस साल के शासन काल के दौरान कांग्रेस नीत संप्रग ने कृषि ऋण माफ कर केवल 57,000 करोड़ रुपये खर्च किया था और उससे केवल तीन करोड़ किसान लाभान्वित हुए थे, जबकि प्रधानमंत्री किसान पहल का 12 करोड़ किसान लाभ उठायेंगे.
उन्होंने कहा कि लेकिन राहुल गांधी इस योजना का महत्व समझने में असमर्थ हैं क्योंकि वह कृषि और किसानों के दुखदर्द से अनजान है. उन्होंने कहा, राहुल बाबा को यह तक नहीं पता है कि रबी और खरीफ फसलें क्या हैं? शाह ने कहा कि किसानों को वित्तीय सहायता प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से दिया जायेगा, जबकि संप्रग काल में यह डीलर-ब्रोकर अंतरण योजना था. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इस बयान का भी जिक्र किया कि हर एक रुपये में मात्र 15 पैसा लाभार्थियों तक पहुंचता है और कहा कि भाजपा नीत सरकार ने सुनिश्चित किया कि पारदर्शी तरीके से पूरी राशि पहुंचे. उन्होंने पिछली संप्रग सरकार पर आदिवासियों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने बनाया था.
उन्होंने कहा कि भाजपा की अगुवाईवाली सरकार ने खनिज संपदावाले क्षेत्रों में रह रहे आदिवासियों के विकास एवं कल्याण के लिए भारी रकम से जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) बनाया है, जिन राज्यों में खनन गतिविधियों से लोगों और पर्यावरण पर असर पड़ रहा है, वहां डीएमएफ की रकम का उपयोग किया जा रहा है. समुद्रतटीय इस तीर्थाटन नगरी की शाह की यात्रा को आगामी लोकसभा और ओड़िशा विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासियों को पार्टी के प्रति आकर्षित करने की उनकी कवायद के तौर पर देखी जा रहा है. राज्य में एक चौथाई आदिवासी हैं. भाजपा अध्यक्ष की यह पिछली पांच दिनों में दूसरी यात्रा है. उन्होंने 29 जनवरी को कटक जिले के सालेपुर में एक रैली की थी.
शाह ने कहा कि आदिवासियों के प्रति भाजपा का प्यार और सम्मान इस तथ्य से स्पष्ट है कि लोकसभा में पार्टी के सबसे अधिक आदिवासी सांसद हैं. संसद के निचले सदन में 32 आदिवासी सासंदों में से 28 भाजपा के हैं. भाजपा अध्यक्ष ने ओड़िशा की बीजद सरकार की भी आलोचना की और उस पर आदिवासियों की उपेक्षा करने और खनन गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के कल्याण एवं विकास में डीएमएफ कोष का उपयोग करने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, बीजद सरकार फ्यूज ट्रांसफॉर्मर की तरह है. राज्य की तरक्की के लिए उसे बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार ने राज्य के विकास के लिए पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक पैसा दिया लेकिन बीजद सरकार उसका उपयोग नहीं कर सकी.
उन्होंने ओड़िशा द्वारा आयुष्मान योजना नहीं अपनाने का जिक्र करते हुए कहा, एक बार फिर मैं नवीन बाबू से इस योजना को अपनाने का अनुरोध करता हूं अन्यथा मतदाता सत्ता से आपको उखाड़ फेकेंगे. इस पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, हमें 2019 के चुनाव नतीजे का इंतजार करना चाहिए. परिणाम तय कर देगा कि किस सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका जायेगा और कौन सी सरकार रहेगी. वह (अमित शाह को) इंतजार करें और देखें कि कौन फ्यूज्ड ट्रांसफार्मर है और कौन ओड़िशा में बदलाव लानेवाला है.