EVM पर चुनाव आयोग पहुंचा विपक्ष: वीवीपैट की 50 प्रतिशत पर्चियों के मिलान की मांग
नयी दिल्ली : विपक्षी दलों के नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में ईवीएम की विश्वसनीयता का हवाला देते हुये मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से ईवीएम मशीनों के मतों का 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराने की मांग की है. कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल सहित अन्य […]
नयी दिल्ली : विपक्षी दलों के नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में ईवीएम की विश्वसनीयता का हवाला देते हुये मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से ईवीएम मशीनों के मतों का 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराने की मांग की है.
कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सोमवार को अरोड़ा से मुलाकात कर उन्हें इस आशय का एक ज्ञापन सौंपा. इस पर लोकसभा और राज्यसभा में 23 विपक्षी दलों के नेताओं ने हस्ताक्षर कर आयोग से 50 प्रतिशत वीवीपैट की पर्चियों का ईवीएम के मतों से मिलान करने की साझा मांग की है.
बैठक के बाद आजाद ने संवाददाताओं को बताया आयोग ने हमें विश्वास दिलाया है कि इस मुद्दे पर एक समिति गठित की है और इसकी रिपोर्ट आम चुनाव से पहले आयेगी जिसे प्रकाशित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सभी दलों की सहमति से आयोग के समक्ष ईवीएम की विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिये प्रत्येक राज्य में आधे मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान करने का सुझाव पेश किया है.
Mallikarjun Kharge, Congress after opposition leaders meet EC: We all have come here to discuss EVM and VVPAT. If it is not possible to introduce ballot papers then at least 50% of VVPAT should be counted for cross verification with EVM. pic.twitter.com/vlMWJ4tqRQ
— ANI (@ANI) February 4, 2019
आजाद ने बताया कि आयोग से यह व्यवस्था लोकसभा और विधानसभा चुनाव सहित सभी चुनाव में लागू करने का अनुरोध किया है. प्रतिनिधिमंडल में आजाद, खड़गे और पटेल के अलावा तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, राकांपा के माजिद मेमन, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, राजद के मनोज झा, माकपा के मोहम्मद सलीम, भाकपा के डी राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित अन्य दलों के नेता शामिल थे.
आजाद ने बताया कि तमाम दलों ने पहले मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की थी. लेकिन अगले लोकसभा चुनाव में कम समय होने के कारण सभी दलों ने आयोग के समक्ष यह मांग पेश नहीं करने पर सहमति जताते हुये ईवीएम में ही हरसंभव पारदर्शिता कायम करने की मांग पेश की है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सभी नेताओं को पूरा विश्वास है कि चुनाव आयोग लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिये मतदाताओं का मत उनकी मर्जी के उम्मीदवार को ही मिले, यह व्यवस्था कायम रखेगा.