थम नहीं रही कर्नाटक कांग्रेस में बगावत, चार विधायक विस की कार्यवाही में अनुपस्थित
बेंगलुरु : कांग्रेस विधायक दल की 18 जनवरी को हुई बैठक में शामिल नहीं होनेवाले कांग्रेस के चार बागी विधायक कर्नाटक विधानसभा के पहले दिन सदन की कार्यवाही में भी उपस्थित नहीं हुए. विधानसभा का सत्र बुधवार को शुरू हुआ है. रमेश जरकिहोली, महेश कुमतल्ली, उमेश जाधव और नागेंद्र ने सत्र के पहले दिन कार्यवाही […]
बेंगलुरु : कांग्रेस विधायक दल की 18 जनवरी को हुई बैठक में शामिल नहीं होनेवाले कांग्रेस के चार बागी विधायक कर्नाटक विधानसभा के पहले दिन सदन की कार्यवाही में भी उपस्थित नहीं हुए. विधानसभा का सत्र बुधवार को शुरू हुआ है.
रमेश जरकिहोली, महेश कुमतल्ली, उमेश जाधव और नागेंद्र ने सत्र के पहले दिन कार्यवाही में भाग नहीं लेने का हालांकि कोई कारण नहीं बताया. मंगलवार को सत्तारूढ़ जदएस-कांग्रेस गठबंधन के सभी विधायकों को एक व्हिप जारी किया गया था जिसमें उनसे बजट सत्र के सभी दिन विधानसभा में उपस्थित होने के लिए कहा गया था. इस व्हिप को कांग्रेस के ऐसे असंतुष्ट विधायकों को भाजपा की पहुंच से दूर रखने के लिए की गयी कार्रवाई माना जा रहा है जो सरकार की स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं. इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होनेवाले विधायकों को एक दूसरा नोटिस दिया है. पहला नोटिस 28 जनवरी को, जबकि दूसरा नोटिस सोमवार को दिया गया. कांग्रेस नेता के एक करीबी सूत्र ने बताया, हां, सिद्धरमैया ने कांग्रेस के चार विधायकों को नोटिस जारी किये हैं.
सिद्धरमैया ने उल्लेख किया है कि पूर्व में नोटिस दिये जाने के बावजूद सीएलपी बैठक में भाग नहीं लेनेवाले विधायकों से स्पष्टीकरण मांगे जाने के बावजूद ये विधायक सदन की बैठक में नहीं पहुंचे. महेश कुमतल्ली को भेजे एक पत्र में सिद्धरमैया ने कहा है, नौ दिन बीत जाने के बावजूद (पहला नोटिस जारी किये जाने के बाद), आपने अपनी अनुपस्थिति को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है. पत्र में कहा गया है, ऐसे में आपको छह फरवरी को विधानसभा सत्र के दौरान या पहले सीएलपी कार्यालय में मुझसे मिलने और अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया जाता है. कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया, अन्य तीन विधायकों को जारी किये गये पत्र की सामग्री एक समान है. कुमारस्वामी कैबिनेट में शामिल नहीं किये जाने को लेकर चार विधायक कथित तौर पर पार्टी से नाराज हैं.
रमेश जरकिहोली अभी भी पार्टी नेताओं के संपर्क में नहीं हैं और उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ है. कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार को 15 जनवरी को उस समय झटका लगा था जब दो निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर ने कुमारस्वामी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.