51 फीसदी एफडीआई भारत के लिए महत्वपूर्ण फैसला

नयी दिल्ली: रक्षा उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढाकर कम से कम 51 प्रतिशत करने से भारत को रक्षा साजो सामान का एक प्रमुख विनिर्माता और निर्यातक बनने में मदद मिलेगी और आयात उपरकणों पर निर्भरता कम होगी. एक सरकारी सूत्र ने कहा ‘‘रक्षा उत्पादन क्षेत्र में कम से कम 51 प्रतिशत एफडीआई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2014 6:55 PM

नयी दिल्ली: रक्षा उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढाकर कम से कम 51 प्रतिशत करने से भारत को रक्षा साजो सामान का एक प्रमुख विनिर्माता और निर्यातक बनने में मदद मिलेगी और आयात उपरकणों पर निर्भरता कम होगी.

एक सरकारी सूत्र ने कहा ‘‘रक्षा उत्पादन क्षेत्र में कम से कम 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी भारत के लिए पासा पलटने वाला निर्णय होगा. आधुनिकी प्रौद्योगिकी तक पहुंच से घरेलू कंपनियां यहीं उत्पादों का विनिर्माण कर सकेंगी और इससे भारत वैश्विक रक्षा विनिर्माण एवं निर्यात का एक बडा केंद्र बन सकता है.’’ भारत सालाना 8 अरब डालर से अधिक के रक्षा उपकरणों का आयात करता है. यह विश्व के सबसे बडे रक्षा आयातकों में से एक है और इसका रक्षा उत्पादन निर्यात नाम मात्र का है. कुछ घरेलू उद्योगों की चिंता को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि मसौदे में जो प्रस्ताव किया गया है वह संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त है.

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