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#PulwamaAttack : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों के लिए जारी की एडवाइजरी

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले को लेकर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि ऐसा कंटेंट ना दिखाया जाए जो कानून और व्यवस्था के लिए मुश्किल स्थिति बनाये, एंटी नेशनल भावनाओं को बढ़ावा दे या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2019 9:29 PM

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले को लेकर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि ऐसा कंटेंट ना दिखाया जाए जो कानून और व्यवस्था के लिए मुश्किल स्थिति बनाये, एंटी नेशनल भावनाओं को बढ़ावा दे या देश की अखंडता के लिए खतरा हो.

इस तरह केंद्र सरकार ने टीवी चैनलों को आतंकियों के खिलाफ चल रहे अभियान का लाइव प्रसारण नहीं करने की सलाह दी है. मालूम हो कि गृह मंत्रालय पहले ही संबंधित नियमों में संशोधन की वकालत कर चुका है.

कुछ चैनलों द्वारा जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 20 मार्च को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ का सजीव प्रसारण करने के बाद केंद्र सरकार ने यह एडवाइजरी जारी की है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लाइव टेलीकास्ट से पड़ने वाले विपरीत प्रभावों से बचने के लिए चैनलों को आतंकियों के पीछे लगे सुरक्षाबलों का लोकेशन, उनकी क्षमता, गतिविधि और रणनीति आदि का ब्योरा नहीं देने को कहा है.

बताते चलें कि पुलवामाके अवन्तीपुरा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा फिदायीन हमला हुआ है. हमले में 40 जवानों की जान अब तक जा चुकी है, कई जवानों की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. कई दर्जन जवान घायल बताये जा रहे हैं. जिस काफिले पर हमला हुआ, उसमें 2500 जवान शामिल थे.

जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है. जैश का आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो विस्फोटकों से भरी गाड़ी लेकर जवानों की बस से टकरा गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा की है. अन्य दलों के नेताओं ने भी हमले को कायराना करार देते हुए इसकी निंदा की है.

महबूबा मुफ्ती ने कहा, मेरे पास इस हमले की निंदा करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं. वहीं उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, घायलों के साथ मेरी संवेदना है, कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसे आतंकियों की हताशा करार दिया है.

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