पुलावामा हमले की आंखों देखी : ब्लास्ट के बाद हिली धरती, पेड़ों से लटके हुए थे जवानों के अंग, दूर जा गिरे घरों में बैठे लोग
।। नेशनल कंटेंट सेल ।। पुलावामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ पर हुए हमले के बाद एक स्थानीय नागरिक ने हमले की भयावहता का जो हाल बताया, वह लोगों के रोंगटे खड़े करने के लिए काफी है. उसने बताया कि हम लोग अपने घरों में बैठे हुए थे, जब तेज धमाका हुआ और एकबारगी धरती हिल […]
।। नेशनल कंटेंट सेल ।।
* तारों का ढांचा लग रही थी बस
स्थानीय नागरिक जावेद ने बताया कि सीआरपीएफ के काफिले की जिस बस को आतंकी ने निशाना बनाया था, वह बस हमले के बाद इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई कि मौके पर वह कुछ तारों का ढांचा भर लग रही थी. बस के चीथड़े उड़ गये थे. उसने बताया कि धमाका इतना जबर्दस्त था कि घरों की खिड़कियों के कांच टूट गये. दीवार दरक गयी. 10 किमी दूर तक कंपन महसूस हुआ.
* पेड़ों से लटके हुए थे जवानों के अंग
एक अन्य स्थानीय नागरिक ने बताया कि धमाका सुनते ही वह घटनास्थल की ओर दौड़ा. वहां पहुंचते ही उसने देखा कि सड़क पर जवानों के अंग बिखरे हुए हैं. शरीर के हिस्से यहां-वहां फैले हुए थे. कुछ के अंग पेड़ों से लटके हुए पाये गये. घटनास्थल पर मौजूद जवानों ने शहीद जवानों के शरीर के हिस्सों और समानों को हमले के बाद घटनास्थल के पेड़ों से उतारा गया.
* दूसरे साथी जब तक आते, बस मलवे में बदल चुकी थी
हमले में दूसरी बस भी चपेट में आयी थी, लेकिन इस बस में किसी तरह से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. घटना के समय मौके पर मौजूद सीआरपीएफ के एक जवान ने बताया कि एक कार अचानक से काफिले के बीच आ गयी और एक तेज धमाका हुआ. जब तक हम लोग नीचे उतरे तो बस गायब थी और धमाके में बस पूरी तरह से तबाह हो गयी. जवानों के शरीर के टुकड़े वहां बिखरे हुए थे. धमाके के बाद तबाह हो गयी बस के पीछे की बसों पर आतंकियों ने गोलियां चलायीं और ग्रेनेड से हमले भी किये. हम जहां थे वहीं खड़े रह गये.