”वंदे भारत एक्सप्रेस” को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर किया कटाक्ष, पीयूष गोयल ने दिया करारा जवाब

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के एक दिन बाद भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ में वाराणसी से दिल्ली लौटते समय शनिवार तड़के कुछ परेशानी आ गयी. ट्रेन शनिवार को दोपहर करीब एक बजे दिल्ली पहुंची और उसका रविवार को पहला व्यावसायिक फेरा है जिसके लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2019 9:20 AM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के एक दिन बाद भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ में वाराणसी से दिल्ली लौटते समय शनिवार तड़के कुछ परेशानी आ गयी. ट्रेन शनिवार को दोपहर करीब एक बजे दिल्ली पहुंची और उसका रविवार को पहला व्यावसायिक फेरा है जिसके लिए सभी टिकटें पहली ही बिक चुकी हैं.

मामले को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मोदी जी, मुझे लगता है कि मेक इन इंडिया पर गंभीर रूप से फिर से सोचने की जरूरत है. ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह विफल रहा है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि कांग्रेस में हम, यह कैसे किया जाए, इस पर गहराई से सोच रहे हैं. वहीं राहुल गांधी के इस ट्वीट का जवाब केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट के माध्‍यम से दिया. उन्होंने कहा कि शर्म की बात है कि आपने भारतीय इंजीनियरों, तकनीशियनों और मजदूरों की कड़ी मेहनत एवं सरलता पर हमला किया है. यह ऐसी मानसिकता है जिसमें बदलाव करने की आवश्यकता है. ’मेक इन इंडिया’ एक सफलता है और करोड़ों भारतीयों की जीवन का हिस्सा है. आपके परिवार के पास सोचने के लिए 6 दशक थे, क्या यह पर्याप्त नहीं थे?

रेलवे ने शनिवार शाम को विस्तृत बयान जारी करते हुए कहा कि रेलगाड़ी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चमरौला स्टेशन के पास रोका जाना था. इसमें कहा गया, ‘‘संभवत: किसी बाह्य आघात के कारण अंत के चार कोचों की बेसिक यूनिटों और शेष रेलगाड़ी के बीच संचार में कोई दिक्कत थी. इसके बाद ट्रेन के सुरक्षा मानकों ने ब्रेक लगाया. ट्रेन की जांच की गयी और दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि ‘‘पहियों के फिसलने’ के कारण दिक्कत पैदा हुई. हालांकि ट्रेन में सवार लोगों ने दावा किया कि यह ब्रेक के सही तरह से काम नहीं करने का मामला है. ट्रेन 18 को हाल ही में नया नाम वंदे भारत एक्सप्रेस दिया गया. ट्रेन अपनी पहली वापसी यात्रा पर शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे वाराणसी जंक्शन से दिल्ली रवाना हुई थी. अपनी पहली यात्रा पर वाराणसी पहुंचने के करीब 45 मिनट बाद ही ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो गयी. पहली बार ट्रेन में तड़के साढ़े छह बजे उत्तर प्रदेश में टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर दूर दिक्कत आयी.

उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, ‘‘यह मवेशी सामने आने का मामला है जिसकी वजह से पहिए फिसलने की दिक्कत आयी’ सूत्रों के अनुसार, ट्रेन एक घंटे से अधिक समय तक टूंडला के समीप फंसी रही. ट्रेन में कई पत्रकार सवार थे. उन्होंने बताया कि ट्रेन के रुकने से पहले उसकी आखिर की बोगियों ने तेज आवाज करनी शुरू कर दी. एक सूत्र ने बताया, ‘‘आखिर की चार बोगियों में थोड़ी बदबू आ रही थी. थोड़ा धुआं भी उठते देखा गया. लोको पायलटों ने कुछ समय के लिए ट्रेन की गति कम कर दी. मैंने अधिकारियों को ब्रेक में खामी के बारे में बात करते हुए सुना.’

सुबह करीब सवा आठ बजे इंजीनियरों से खामी दूर की और ट्रेन ने 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा शुरू की जिसे बाद में थोड़े समय के लिए 40 किमी. प्रति घंटा कर दिया गया. इसके बाद इसमें सवार पत्रकारों और अधिकारियों को दिल्ली जाने वाली दूसरी ट्रेन में बैठा दिया गया. अधिकारियों ने यहां बताया कि सुबह करीब आठ बजकर 55 मिनट पर वंदे भारत एक्सप्रेस फिर रुकी. आवश्यक मरम्मत के बाद उसने 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ फिर से दिल्ली की यात्रा शुरू की.

रेलवे की प्रवक्ता स्मिता वत्स शर्मा ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि मवेशी के सामने आ जाने से यह अवरोध पैदा हुआ. ट्रेन रात को लौट रही थी और आशंका है कि रात के समय उसके सामने मवेशी आ गये थे.’ माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने टि्वटर पर राजग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह ट्रेन मोदी सरकार के प्रदर्शन का उत्कृष्ट उदाहरण है. बहुत ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर बताया गया और पीआर किया गया लेकिन सच्चाई एकदम अलग है.’ रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ट्रेन 18 को ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ का नाम दिया है. चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने इसका निर्माण किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 15 फरवरी को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी.

‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ दिल्ली-मुंबई राजधानी मार्ग के सेक्शन पर परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी थी और इसी के साथ वह भारत की सबसे तीव्र गति वाली ट्रेन बन गयी.

Next Article

Exit mobile version