नयी दिल्ली : पुलवामा हमले के बाद भारत ने जिस तरह से आक्रामक रुख दिखाया, उससे पाकिस्तान डर गया है. शायद यही वजह है कि सर्जिकल स्ट्राइक के डर से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास मौजूद लॉन्च पैड्स से अपने आतंकियों को हटाना शुरू कर दिया है. इधर, पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किये गये पुलवामा हमले का जबाव देने के विकल्पों पर भारत के सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा विचार किये जाने के बीच वायुसेना प्रमुख मार्शल बी एस धनोआ ने शनिवार को कहा कि वायुसेना देश के राजनीतिक नेतृत्व द्वारा सौंपी जिम्मेदारी के हिसाब से ‘उपयुक्त जवाब’ देने के लिए सदैव तैयार है.
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान आतंकियों को पैड्स के पास मौजूद सेना के कैंप्स ले गया है. यदि आपको याद हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद कहा था कि सैन्य बलों को जैश-ए-मोहम्मद की इस हरकत का जवाब देने के लिए पूरी आजादी दे दी गयी है. खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने इस साल अपने विंटर पोस्ट्स को खाली नहीं कराया है. आतंकवादी हमलों के जवाब में कार्रवाई की संभावना पाकिस्तान के मन में भी है. सूत्रों के अनुसार कम से कम 50-60 विंटर पोस्ट, हर वर्ष इस समय तक खाली करा लिये जाते थे, लेकिन फिलहाल वहां पाकिस्तानी सैनिको की उपस्थिति देखी जा रही है.
कश्मीर में टॉप इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर दी है कि सीमा के दोनों ओर टेंशन जारी है लेकिन किसी तरह की तैनाती देखने को नहीं मिल रही है. फिलहाल नियंत्रण रेखा के पार बने आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर कोई स्ट्राइक करने का लक्ष्य नहीं है. एक सीनियर अधिकारी को कोट करते हुए अखबार ने लि खा है कि भारतीय सेना के पास पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई करने का विकल्प बचता है लेकिन उससे तनाव कम नहीं होगा बल्कि और भी बढ़ जाएगा.
चालीस से अधिक देशों ने पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुये आतंकवादी हमले की दुनिया के 40 से अधिक देशों और कम से कम तीन बहु राष्ट्रीय संगठनों ने निंदा की है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. संयुक्त राष्ट्र, शंघाई सहयोग संगठन और यूरोपीय संघ ने आतंकी हमले की निंदा करते हुये बयान जारी किये हैं. भारत के साथ एकजुटता व्यक्त करने वाले देशों में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, इस्राइल, तुर्की, सऊदी अरब, जर्मनी और आस्ट्रेलिया शामिल हैं. श्रीलंका, भूटान, नेपाल, मालदीव, मॉरीशस, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे भारत के पड़ोसी देशों ने भी हमले की निंदा की है.